चेन्नई सुपरकिंग्स ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सीजन के 49वें मैच में कोलकाता नाइटराइडर्स को 6 विकेट से हरा दिया। टूर्नामेंट में चेन्नई की ये पांचवीं जीत है। इस मैच में उसके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का बल्ला नहीं चला। वे 1 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। वरुण चक्रवर्ती ने उन्हें बोल्ड कर दिया। वरुण ने धोनी को बोल्ड करने के साथ ही दो ही रिकॉर्ड बनाए। वे एक ही सीजन में माही को दो बार आउट करने वाले पहले गेंदबाज बन गए हैं।
वरुण ने सीजन में इससे पहले भी धोनी को बोल्ड किया था। वे उन्हें दो बार बोल्ड करने वाले पहले स्पिनर बने। उनके अलावा तीन अन्य स्पिनरों ने धोनी को बोल्ड किया है। उनमें प्रज्ञान ओझा, पीयूष चावला और राशिद खान का नाम है। इस मैच में चेन्नई की टीम ने भी एक खास रिकॉर्ड अपने नाम किया। वह आईपीएल में आखिरी गेंद पर सबसे ज्यादा 6 बार मैच जीतने वाली पहली टीम बन गई। उसने मुंबई इंडियंस का रिकॉर्ड तोड़ा। मुंबई की टीम 5 बार आखिरी गेंद पर मैच जीती है। इस मामले में राजस्थान रॉयल्स (4) तीसरे और किंग्स इलेवन पंजाब (3) चौथे स्थान पर है।
मैच में चेन्नई के लिए ऋतुराज गायकवाड़ ने अर्धशतक लगाया। वे 23 साल या उससे कम उम्र में चेन्नई के लिए अर्धशतक लगाने वाले पांचवें बल्लेबाज बने। सुरेश रैना ने 2008 में 3 और पार्थिव पटेल ने 2 अर्धशतक लगाए थे। इसके बाद रैना ने 2009 में 2 और 2010 में 4 बार अर्धशतकीय पारी खेली थी। 2011 में अनिरुद्ध श्रीकांत ने ऐसा किया था। अब 9 साल बाद सैम करन ने एक और ऋतुराज ने दो अर्धशतकीय पारी खेली। चेन्नई को रोमांचक मैच में जीत के लिए आखिरी दो गेंदों पर 7 रन बनाने थे। ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ने लगातार दो छक्के जड़कर केकेआर को शिकस्त दी। जडेजा इस सीजन में आखिरी गेंद पर छक्का मारकर मैच जीतने वाले दूसरे बल्लेबाज बने।
इससे पहले किंग्स इलेवन पंजाब के निकोलस पूरन ने रॉयल चैलेंजर्स बंगलौर के खिलाफ ऐसा किया था। आईपीएल में अब तक 10 बार किसी आखिरी गेंद पर छक्का मारकर कोई टीम जीती है। सबसे ज्यादा रोहित शर्मा ने तीन बार ऐसा किया है। उन्होंने 2009, 2011 और 2012 में आखिरी गेंद पर छक्का मारकर मैच अपने नाम किया है। अंबाती रायुडू (2011), सौरभ तिवारी (2012), ड्वेन ब्रावो (2012), महेंद्र सिंह धोनी (2016), मिशेल सैंटनर (2019) भी इस उपलब्धि को हासिल कर चुके हैं।