चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम आईपीएल के 13वें सीजन का 41वां मुकाबला खेलने के लिए शारजाह के मैदान पर उतरी। सामने थी चार बार की चैंपियन टीम मुंबई इंडियंस। आईपीएल में इन दोनों टीमों के बीच होने वाले मुकाबले का इंतजार सबको रहता है। फुटबॉल में बार्सिलोना और रियाल मैड्रिड के बीच होने वाले मैच को एल-क्लासिको कहते हैं। ठीक उसी तरह आईपीएल में चेन्नई और मुंबई के मैच को एल-क्लासिको कहा जाता है।

2020 के सीजन में पहली बार तो चेन्नई की टीम मुंबई को हराने में सफल रही थी, लेकिन दूसरी बार उसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। टीम ने अपने इतिहास में यानी आईपीएल के 13 साल के इतिहास में पहली बार पावरप्ले में 5 विकेट गंवा दिए। यह चेन्नई की अब तक की सबसे शर्मनाक बल्लेबाजी रही है। टीम ने अपने शुरुआती चार विकेट तो 4 रन के निजी स्कोर पर ही गिर गए थे। यह दूसरा सबसे खराब प्रदर्शन है। इससे पहले 2011 में डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ कोच्ची टस्कर्स केरला के 2 रन पर 4 विकेट गिर गए थे। 2014 में राजस्थान के खिलाफ अबुधाबी में रॉयल चैलेंजर्स बंगलौर की टीम ने 5 रन पर 4 विकेट गंवा दिए थे।

टीम को पहला झटका पहले ही ओवर में लगा। इस मुकाबले में केदार जाधव की जगह टीम में शामिल किए जाने वाले ऋतुराज गायकवाड़ खाता खोले बगैर पवेलियन लौट गए। ट्रेंट बोल्ट ने उन्हें एलबीडब्ल्यू आउट किया। इसके बाद अगले ओवर जसप्रीत बुमराह ने चेन्नई को दो झटके दिए। अंबाती रायुडू 2 रन बनाकर आउट हुए। बुमराह की गेंद पर डीकॉक ने उनका कैच लिया।

इसके बाद ट्रेंट बोल्ट तीसरा ओवर करने आए। उन्होंने फाफ डुप्लेसिस को डीकॉक के हाथों कैच करा दिया। डुप्लेसिस ने 7 गेंद पर 1 रन बनाए। नारायण जगदीशन (0) को बुमराह ने सूर्यकुमार के हाथों कैच कराया। टीम का स्कोर 3 रन पर 3 विकेट हो गया। फिर क्रीज पर आए चेन्नई की आखिरी उम्मीद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी। उन्होंने लगातार दो चौके लगाकर टीम की उम्मीदों को जिंदा किया। इसी बीच रविंद्र जडेजा 6 गेंद पर 7 रन बनाकर आउट हो गए। बोल्ट की गेंद पर क्रुणाल पंड्या ने उनका कैच लिया। फिर पावरप्ले के बाद धोनी भी पवेलियन चलते बने। उन्होंने राहुल चाहर की गेंद पर छक्का लगाया और फिर अगली ही बॉल पर डीकॉक को कैच थमा बैठे।