बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत अपने बयानों को लेकर सोशल मीडिया पर इन दिनों चर्चा में हैं। कंगना ने नेपोटिज्म के खिलाफ जैसे ही खुलकर बोलना शुरू किया लोग उनकी तारीफ करने लगे। हालांकि, कुछ लोगों के यह पसंद नहीं आया। उनमें तापसी पन्नू जैसी मशहूर अभिनेत्री भी शामिल हैं। इसी बीच कंगना को भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी का भी साथ मिल गया है। तिवारी ने कहा कि जो लोग कंगना को निशाना बना रहे हैं वो अपने कर्म याद रखें।

तिवारी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘कंगना के बयान को लेकर जो लोग उन्हें निशाना बना रहे हैं वो खुद को एक्सपोज कर रहे हैं। वे बता रहे हैं कि अंदर से क्या हैं, लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि कर्मा वापस लौटकर आता है। तो पहले अपने आप को संभालो। सबका समय आ रहा है।’’ कंगना ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में फैले नेपोटिज्म को सुशांत की मौत का दोषी ठहराया था। उन्होंने कई बड़े नाम लेकर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सीबीआई केस की मांग की थी।

दूसरी ओर, अगर मनोज तिवारी की बात करें तो उनका करियर भी बेहतरीन क्रिकेटर होने के बावजूद लंबे समय तक नहीं चल पाया था। शतक मारने के बाद भी उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था। तिवारी ने कहा था कि टीम इंडिया से बाहर होने का उन्हें अफसोस है। तिवारी ने कहा था कि वे आजतक तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से इसका कारण नहीं पूछ पाएं। तिवारी ने अपना डेब्यू मैच 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन में खेला था। मनोज बंगाल के लिए 125 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं। इस दौरान 8965 रन बनाए हैं। उन्होंने 27 शतक और 37 अर्धशतक लगाए हैं।

2008 में अपने करियर की शुरुआत करने के बाद तिवारी ने दिसंबर 2011 में चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ एक मैच में नाबाद 104 रन बनाए थे। उसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गहया। वे अगले 14 मैचों में टीम इंडिया के सदस्य नहीं रहें। तिवारी को टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका फिर आठ महीने बाद मिला। तब टीम इंडिया अगस्त 2012 में श्रीलंका के दौरे पर गई थी। तिवारी ने चौथे वनडे में 21 रन बनाए थे। इसके बाद पांचवें वनडे में उन्होंने अर्धशतक लगाया था। उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था। तिवारी को 2015 में जिम्बाब्वे दौरे के लिए चुना गया था। फिर वो टीम में वापस कभी नहीं आ सके।