दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने सोमवार (28 दिसंबर) को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) को डिसीजन रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) में ‘अंपायर्स कॉल’ की समीक्षा करने के लिए कहा है। आस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न में दूसरे टेस्ट मैच के दौरान भारत को इस नियम का खामियाजा भुगतना पड़ा। आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज जो बर्न्स और मार्नस लबुशाने के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की अपील के बाद रीप्ले में लगा कि गेंद गिल्लियों से लगकर निकल जाती, लेकिन अंपायर्स कॉल के कारण दोनों बल्लेबाज क्रीज पर बने रहे।

दरअसल, क्रिकेट में ‘अंपायर्स कॉल’ तब मुख्य रूप से सामने आता है जबकि एलबीडब्ल्यू के लिए ‘रिव्यू’ की मांग की गई हो। इस स्थिति में अगर अंपायर ने नॉट आउट दिया है तो रिव्यू में यह पता चलने पर कि गेंद स्टंप पर लग रही है, टीवी अंपायर के पास फैसला बदलने का अधिकार नहीं होता है। गेंदबाजी टीम के लिए यही अच्छी बात होती है कि वह अपना रिव्यू नहीं गंवाती है। तेंदुलकर ने ट्वीट किया, ‘‘खिलाड़ी इसलिए रिव्यू लेते हैं क्योंकि वे मैदानी अंपायर के फैसले से नाखुश होते हैं। आईसीसी को डीआरएस प्रणाली विशेषकर ‘अंपायर्स कॉल’ की संपूर्ण समीक्षा करने की जरूरत है।’’

आस्ट्रेलियाई स्पिन दिग्गज शेन वार्न ने सबसे पहले इस नियम की आलोचना की थी जिसे अनिल कुंबले की अगुवाई वाली आईसीसी क्रिकेट समिति ने तैयार किया है। वार्न लगातार कहते रहे हैं कि वह अंपायर्स कॉल को कभी नहीं समझ पाए। उन्होंने पिछले साल कहा था, ‘‘अगर गेंद स्टंप को हिट कर रही हो तो यह आउट भी हो सकता है और नॉट आउट भी।’’

मेलबर्न टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। मैच के तीसरे दिन का खेल समाप्त हो चुका है। ऑस्ट्रेलिया ने 6 विकेट पर 133 रन बना लिए हैं। उसने भारत के खिलाफ 2 रन की मामूली बढ़त हासिल की है। इससे पहले टीम इंडिया पहली पारी में 326 रनों पर ऑलआउट हो गई। उसने ऑस्ट्रेलिया पर 131 रनों की लीड हासिल की थी। ऑस्ट्रेलिया की टीम पहली पारी 195 रन पर ऑलआउट हो गई थी।