संदीप जी। अब भारत के लिए टेस्ट मैचों में नंबर चार पर खेलने वाला खिलाड़ी क्रीज पर आएगा तो तालियों की गड़गड़ाहट नहीं सुनाई देगी। न ही ड्रेसिंग रूम में वापस जाते समय क्राउड में चुप्पी होगी। हां, उस पर 36 साल में 25,151 रन और 51 शतक की सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली की विरासत का दबाव होगा। स्वाभाविक उत्तराधिकारी शुभमन गिल हैं,जो युवा ब्रिगेड में सबसे प्रतिभावान खिलाड़ी हैं। वह संभावित कप्तान होने के साथ-साथ भविष्य के महान खिलाड़ी के रूप में देखे जा रहे हैं।

गिल ने अभी-अभी वन डाउन खेलना शुरू किया है। यह अपने आप में एक महत्वपूर्ण पोजिशन है,जहां महान डॉन ब्रैडमैन, ब्रायन लारा, राहुल द्रविड़ और रिकी पोंटिंग खेले हैं। अगर गिल पसंदीदी तीसरे नंबर पर ही टिके रहते हैं तो टीम प्रबंधन को कोहली का विकल्प ढूंढ़ने की कड़ी मेहनत करनी होगी। इस स्थिति में केएल राहुल का नाम दिमाग में आता है। उन्होंने नंबर 5 को छोड़कर शीर्ष छह में हर जगह बल्लेबाजी की है। जब कोहली पिछले साल इंग्लैंड के भारत दौरे पर नहीं खेले थे तो राहुल इस पोजिशन खेले थे। उन्होंने पहले टेस्ट में 84 और 22 रन बनाए,लेकिन वह चोट के कारण शेष सीरीज से बाहर हो गए, जो उनके 58 टेस्ट के करियर में होता रहा है।

ये हैं चौथे नंबर पर विराट कोहली की जगह लेने के दावेदार

शुभमन गिल

शुभमन गिल में नंबर 4 पर सफल होने की पूरी काबिलियत है। लेकिन यह निर्णय इस बात पर भी निर्भर कर सकता है कि टीम प्रबंधन नंबर 3 के लिए उपयुक्त खिलाड़ी ढूंढ पाता है या नहीं, जो गिल का पसंदीदा पोजिशन है और महत्वपूर्ण भी।

केएल राहुल

अगर भारत के पास ओपनिंग का विकल्प तो राहुल को आराम से इस पोजिशन पर खिलाया जा सकता है। उनके पास इस पोजिशन की जिम्मेदारियों को संभालने के लिए पर्याप्त अनुभ है। लेकिन सबसे बड़ी चिंता ओपनिंग की है जहां राहुल का अनुभव काम आ सकता है। वह इंग्लैंड में सफल भी रहे हैं।

करुण नायर

अगर करुण नायर की टीम में वापसी होती है तो वह अपना दावा पेश कर सकते हैं। वह शीर्ष पांच में कहीं भी बल्लेबाजी कर सकते हैं। उनके पास अविश्वसनीय अनुभव है और वह घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन फॉर्म में हैं। इंग्लैंड की परिस्थितियों से परिचित होना भी मायने रखता है।

सरफराज खान

सरफराज खान का घरेलू क्रिकेट से टेस्ट क्रिकेट में सहजता से फिट हो गए। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नंबर चार पर आया है और यह मुंबई की टीम में उनका स्वभाविक स्थान है। उन्हें बस चयनकर्ताओं और सहयोगी स्टाफ के विश्वास की जरूरत है।

कोहली ने तेंदुलकर की जगह ली थी तब की परिस्थितियां अलग थीं

भारत को ओपनिंग में रोहित शर्मा की कमी को भी पूरा करना होगा और राहुल को ओपनर बल्लेबाज के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता। जब कोहली ने तेंदुलकर की जगह ली थी तब की परिस्थितियां अलग थीं। उस समय कोहली,चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे में से भारत एक को तीसरे से छठे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए चुन सकता था। तीनों ने शानदार प्रदर्शन भी किया। इस दौरान रोहित शर्मा ने भी चयनकर्ताओं के दरवाजे खटखटा दिए थे।

करुण या सरफराज

भारत के लिए बल्लेबाजी कभी चिंता का विषय नहीं रही है। विजय मर्चेंट से लेकर विजय मांजरेकर, सुनील गावस्कर से लेकर दिलीप वेंगसरकर और मोहम्मद अजहरुद्दीन, सचिन तेंदुलकर से लेकर विराट कोहली तक एक से बढ़कर एक धाकड़ बल्लेबाज रहे है। अब लाल गेंद के क्रिकेट में भारत की की बल्लेबाजी में वह गहराई नहीं दिखती। यही कराण है कि एक बार खारिज किए गए नाम फिर से रेस में हैं।

आठ साल से नहीं खेले करुण

करुण नायर इसके प्रबल उदाहरण है। वह 2016 में तिहरे शतक के बाद की असफलताओं से भारतीय टीम से बाहर हुए। इसके बाद कर्नाटक की टीम से भी खराब प्रदर्शन के कारण बाहर हुए। विदर्भ में शिफ्ट होने और घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बाद वे फिर से टेस्ट टीम में शामिल होने की होड़ में हैं। उनके पास फॉर्म और काउंटी का अनुभव है,लेकिन वह पिछला टेस्ट आठ साल पहले खेले थे।

13 मैचों में उन्होंने 69 के औसत से 985 रन

करुण 2018 में इंग्लैंड दौरे पर भारत की टीम के सदस्य थे, लेकिन प्रबंधन को प्रभावित नहीं कर पाए। घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने के साथ-साथ नॉर्थम्पटनशायर के साथ उनके दो बार के अनुबंध से फायदा मिला। 13 मैचों में उन्होंने 69 के औसत से 985 रन बनाए। उन्हें इंग्लैंड दौरे पर इंडिया ए टीम में मौका मिल सकता है। उन्हें चौथे नंबर पर आजमाया जा सकता है।

पंत और जुरेल निचले मध्यक्रम के लिए ज्यादा उपयुक्त

चयनकर्ताओं के पास आजमाने के लिए सरफराज खान, ऋषभ पंत, ध्रुव जुरेल और रविंद्र जडेजा भी हैं। पंत और जुरेल निचले मध्यक्रम के लिए ज्यादा उपयुक्त हैं, जहां वे बेधड़क क्रिकेट खेल सकें। जडेजा छठे या सातवें नंबर पर निचले क्रम को स्थिरता प्रदान करते हैं। साथ ही बल्लेबाजी क्रम में गहराई प्रदान करते हैं। ऑलराउंडर नितीश कुमार रेड्डी इस भूमिका के लिए अनुभव बहुत नहीं है।

सरफराज पर थिंक टैंक को भरोसा नहीं

सरफराज नंबर चार की जिम्मेदारी बखूबी निभा सकते है। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में संतोषजनक प्रदर्शन किया है। 11 पारियों में एक शतक और तीन अर्द्धशतक के साथ 37.10 के औसत से रन बनाए हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ टेस्ट स्कोर बैंगलोर में न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार 150 रन भी चौथे नंबर पर आया था। हालांकि, चिंता की बात यह है कि थिंक टैंक को विदेश में उनकी बल्लेबाजी पर भरोसा नहीं है क्योंकि पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में वह एक भी मैच नहीं खेले थे।

सबसे उपयुक्त विकल्प गिल

इतना विश्लेषण के बाद नंबर 4 के सबसे उपयुक्त विकल्प गिल लगेंगे। न केवल इसलिए कि कोई अन्य उपयुक्त विकल्प नहीं है। गिल के नंबर 4 पर खेलने के अन्य फायदे भी हैं। शीर्षक्रम पर बहुत भार नहीं होगा। अनुभव और प्रतिभा का बेहतर संयजन होगा। ऐसी स्थिति नहीं होगी कि जायसवाल, राहुल और गिल जैसे शीर्ष तीन खिलाड़ी नई गेंद के खिलाफ आउट हो जाएंगे तो भारत कमजोर मध्यक्रम एक्सपोज हो जाए। गिल को इस पोजिशन पर खेलने का आदी होने में थोड़ा समय लगेगा, लेकिन केवल रन और शतक की बात नहीं है बल्कि इतिहास और विरासत की भी बात है। इस पोजिशन पर वह दिग्गज खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो सकते हैं।