India vs Australia: टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) चाहते हैं कि बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (Border Gavaskar Trophy) में पहले टेस्ट मैच में पहले दिन से ही गेंद टर्न (Turn) करने लगे। हालांकि, मौजूदा कप्तान शायद पहले ओवर से ही टर्न चाहते हैं। शायद यही वजह है कि भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के खिलाड़ियों ने नागपुर (Nagpur) में होने वाले पहले टेस्ट मैच से पहले अभ्यास सत्र (Training Session) में एक दो नहीं, बल्कि 10 स्पिनर्स के साथ नेट में पसीना बहाया।
नेट्स (Net Practice) के दौरान शिविर में 10 स्पिनर्स को भी बुलाया गया था, जो बल्लेबाजों को लगातार बॉलिंग कर रहे थे। इस दौरान मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) की गेंदों का लगातार सामना करने के बाद रोहित शर्मा (Rohit Sarma) ने बल्लेबाजी कोच (Batting Coach) से आग्रह किया कि उन्हें एक स्पिनर का सामना करने दिया जाए। यह इस बात का स्पष्ट संकेत था कि वे (भारतीय बल्लेबाज) टर्निंग ट्रैक को बेअसर करने की तैयारी और ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर्स के लिए खतरा बनने की तैयारी कर रहे थे।
Virat Kohli: विराट कोहली ने रिवर्स स्वीप के बाद लगाई स्टेपल स्ट्रोक्स की झड़ी
द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, विराट कोहली (Virat Kohli) ने अलग तरह से अभ्यास किया। विराट कोहली (Virat Kohli) ने अभ्यास सत्र के दौरान बाएं हाथ के स्पिनर सौरभ कुमार (Saurabh Kumar) की गेंदों पर स्वीप (Sweep) और रिवर्स स्वीप (Reverse Sweep) शॉट्स की प्रैक्टिस की। कोहली इसके बाद इशान किशन (Ishan Kishan) के पास गए और मजाक करने लगे। छोटे ब्रेक के बाद कोहली ने फिर बल्लेबाजी शुरू की। हालांकि, इस बार रिवर्स स्वीप नहीं, बल्कि स्टेपल स्ट्रोक्स, स्वाट-फ्लिक्स की झड़ी लगा दी। ये शॉट्स बाएं हाथ के स्पिनर्स के खिलाफ लगाए।
Virat Kohli: विराट कोहली ने बीट होने के बावजूद नहीं बंद की बड़े शॉट लगाने की प्रैक्टिस
विराट कोहली हर बार गेंद की पिच (Pitch) पर बाहर निकलते हवा में ड्राइव लगाते। 90 मिनट के दौरान कोहली ने शायद ही गेंद को डिफेंस किया। इस दौरान सौरभ कुमार ने उन्हें कई बार हवा में बीट किया, लेकिन पूर्व कप्तान पर कोई फर्क नहीं पड़ा। ऐसा लगता था कि भारतीय बल्लेबाजों के लिए यही था- स्पिनर्स पर हमला करना और उन पर काबू पाओ। सभी भारतीय बल्लेबाज नागपुर में अपने 4 घंटे के प्रशिक्षण सत्र में आक्रमण करने के मूड में ही दिखे।
रोहित शर्मा नेट प्रैक्टिस के दौरान ‘स्वीप मोड’ में दिखे
विराट कोहली और रोहित शर्मा शायद ही कभी रिवर्स स्ट्रोक का सहारा लेते हैं, लेकिन दोनों ने अभ्यास सत्र के दौरान बार-बार ऐसे शॉट लगाने के प्रयास किए। रोहित शर्मा पूरे सेशन के दौरान स्वीप मोड में दिखे। रोहित ने स्पिन का मुकाबला करने के लिए शक्तिशाली हथियार कई मौकों पर स्लॉग-स्वीप का इस्तेमाल किया।
टीम प्रबंधन में से किसी ने खुले तौर पर स्पिनिंग ट्रैक के लिए घरेलू संघों या क्यूरेटर्स को निर्देश देने के बारे में बात नहीं की है, लेकिन भारत के प्री-सीरीज कैंप के साथ-साथ अभ्यास सत्र के दौरान जो हुआ, उससे नागपुर टेस्ट के लिए होने वाली तैयारी को लेकर पर्याप्त संकेत मिले।
टर्निंग ट्रैक के क्या हैं लाभ और नुकसान
यदि वास्तव में स्वीप को मजबूती से क्रियान्वित किया जाए तो यह बहुत प्रभावी है। ए) स्पिनर लंबाई को तुरंत वापस खींच सकते हैं। बी) वे इस उम्मीद में स्टंप्स पर गेंदबाजी करने के लिए ललचाएंगे कि बल्लेबाज चूक जाएगा और सामने फंस जाएगा। सी) यह टर्न के साथ-साथ उछाल को भी निष्प्रभावी कर देता है, जो टर्न लेने वाली पिचों पर समान रूप से महत्वपूर्ण कारक है। डी) यह एक आक्रमणकारी शॉट है और लेग-साइड के पास के क्षेत्ररक्षकों को दौड़ा सकता है। इस प्रकार दबाव को कम करता है।
हालांकि, इसमें कमियां भी हैं, क्योंकि आपको घुटने टेकने हैं, साथ ही गुरुत्वाकर्षण के साथ काम करना है, लेकिन साथ ही सिर का आकार, संतुलन और स्थिरता नहीं खोनी है। हालांकि स्वीप अनिवार्य रूप से एक पूर्व निर्धारित शॉट है, ऐसा न हो कि गेंदबाज अपनी लेंथ बदल दे। आपको अपने इरादे को एक पल से भी कम समय पहले उजागर नहीं होने देना चाहिए।