भारत के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर और मौजूदा कप्तान विराट कोहली के बीच आईपीएल में हुआ झगड़ा सबको याद है। गंभीर कोलकाता नाइटराइडर्स के कप्तान थे और विराट कोहली रॉयल चैलेंजर्स बंगलौर। एक मैच में दोनों भीड़ गए थे। उस तस्वीर को फैंस आज भी शेयर करते हैं। एक इंटरव्यू में उस झगड़े के बारे में पूछे जाने पर गंभीर ने कहा था कि उन्हें विराट के साथ हुए झगड़ों पर कोई पछतावा नहीं है और अगर आगे भी ऐसा होता तो मैं पीछे नहीं हटता।
यूट्यूब चैनल ‘स्पोर्ट्स तक’ को दिए इंटरव्यू में गंभीर ने कहा था, ‘‘मुझे झगड़ों का कोई अफसोस नहीं। आप अपनी टीम के लिए खेलते हो। उस दौरान ऐसा हो जाता है। टीम के लिए मुझे किसी से भी झगड़ा करना पड़े तो मैं पीछे नहीं हटूंगा। वो सिर्फ मैदान पर ही होता है। उसके बाहर लेकर मैं नहीं जाता। अगर आगे भी मै खेलता और ये ऐसा होता तो मैं पीछे नहीं हटता।’’ कोहली को मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड देने पर गंभीर ने कहा, ‘‘मैंने उन्हें अपना पहला मैन ऑफ द मैच भी इसलिए दिया था कि उनका वह पहला शतक था। किसी भी खिलाड़ी के लिए पहला शतक काफी यादगार होता है। जब वो उस ट्रॉफी को बाद में देखेगा तो सोचेगा कि मैं पहले शतक में मैन ऑफ द मैच बनेगा। कोहली इसके हकदार थे।’’
दरअसल, 24 दिसंबर 2009 को कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला शतक लगाया था। वीरेंद्र सहवाग टीम के कप्तान थे। ईडन गार्डन्स में भारत और श्रीलंका के बीच पांच वनडे की सीरीज का चौथा मुकाबला चल रहा था। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर 315 रन बनाए थे। भारतीय टीम ने इस मैच को 7 विकेट से अपने नाम कर लिया। गंभीर और कोहली ने 200 से ज्यादा रनों की साझेदारी की थी। कोहली ने 114 गेंदों में 107 रन बनाए, लेकिन दूसरे छोर पर गंभीर ने नाबाद 150 रन बनाए।
पोस्ट मैच प्रजेंटेशन में रवि शास्त्री ने गंभीर का नाम मैन ऑफ द मैच अवार्ड के लिए पुकारा। वे शास्त्री के पास गए और कहा कि कोहली को बुलाए। गंभीर ने शास्त्री से कहा कि मैन ऑफ द मैच कोहली को दिया जाए क्योंकि वो ये डिजर्व करता है। इसके बाद शास्त्री ने कहा कि गंभीर चाहते हैं कि ये मैन ऑफ द मैच अवार्ड विराट कोहली हासिल करें। इसके बाद विराट पहुंचे और उन्होंने एक लाख रुपये का चेक, एक ट्रॉफी और एक मोबाइल हासिल किया।