विश्व कप 2011 में भारत की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि सिर्फ एक छक्के ने टीम इंडिया को चैंपियन नहीं बनाया था। दरअसल, वर्ल्ड कप जीत को याद करते हुए ज्यादातकर लोग तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी द्वारा लगाए गए छक्के की बात करते हैं। इससे गंभीर इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि लोग सिर्फ एक छक्के की बात करते हैं जबकि उस वर्ल्ड कप में जीत दिलाने वाले युवराज सिंह की चर्चा भी नहीं होती।
गंभीर ने न्यूज 24 को दिए इंटरव्यू में कहा था, ‘‘एक छक्के ने वर्ल्ड कप नहीं जिताया। सचिन तेंदुलकर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले थे। युवराज सिंह मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे। हरभजन सिंह, वीरेंद्र सहवाग, जहीर खान, विराट कोहली सहित सभी खिलाड़ियों ने अपना योगदान दिया था। वर्ल्ड कप एक खिलाड़ी नहीं जीत सकता है। सबको क्रेडिट देना चाहिए। जब वर्ल्ड कप की बात आए तो पूरी टीम तस्वीर लगानी चाहिए, सिर्फ एक की नहीं। मुझे लगता है कि कप्तान उतना ही अच्छा होता है जितनी उसकी टीम होती है। उस टूर्नामेंट में कई अच्छे प्रदर्शन हुए थे। उस छक्के से भी बड़ी परफॉर्मेंस रही है।’’
गंभीर ने कहा, ‘‘मेरी इनिंग से भी बेहतर बहुत कुछ था। सचिन तेंदुलकर के बाद मैंने सबसे ज्यादा रन बनाए थे। सहवाग ने शतक लगाया था। युवराज सिंह मैन ऑफ द टूर्नामेंट थे। हम दो वर्ल्ड कप जीते और दोनों में युवराज का योगदान बड़ा था। अब युवराज की कोई बात ही नहीं करता।’’ तेंदुलकर भारतीय टीम की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। उन्होंने 9 मैच में 482 रन बनाए थे।
ओवरऑल श्रीलंका के तिलकरत्ने दिलशान ने 9 मैच में 500 रन ठोके थे। गंभीर ने 9 मैच में 393, सहवाग ने 8 मैच में 380, युवराज ने 9 मैच में 362, विराट कोहली ने 9 मैच में 282 और धोनी ने 9 मैच में 241 रन बनाए थे। दो अप्रैल 2011 को श्रीलंका के खिलाफ खेले गए फाइनल में गंभीर भारतीय जीत के नायकों में शामिल थे और उन्होंने 97 रन की पारी खेली थी जिसके बाद तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने नाबाद अर्धशतक जड़ते हुए छक्का लगाकर टीम को जीत दिलाई थी।