Coronavirus: कोरोनावायरस के प्रकोप के चलते सारी दुनिया थम सी गई है। इटली समेत कुछ देश पूरे तरह से लॉक डाउन हैं। भारत के भी कुछ जिले लॉक डाउन कर दिए गए हैं। कहीं कर्फ्यू भी लगाना पड़ा है। इस कारण दुनिया भर की खेल प्रतियोगिताओं को यह तो रद्द करना पड़ा है या फिर उन्हें टाल दिया गया है। खेलों के महाकुंभ टोक्यो ओलंपिक भी इसकी चपेट में आ गया है।
जापान ने इन्हें एक साल तक के लिए टालने पर राजी हो गया है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के पदाधिकारी डिक पाउंड के बयान के बाद ऐसा होना पहले ही तय माना जा रहा था। जापान की राजधानी टोक्यो में इस साल 24 जुलाई से 9 अगस्त तक ओलंपिक खेल होना प्रस्तावित थे। आइए जानते हैं कि यदि खेलों के इस महाकुंभ को रद्द किया गया तो किसको कितना नुकसान होगा?
ओलंपिक अगर इस साल जुलाई में नहीं शुरू हो पाए तो उसके लिए आगे ऐसी विंडो (तारीखें) मिलना मुश्किल दिख रहा है, जिस दौरान सभी देशों के खेल महासंघ में हिस्सा लेने के लिए हामी भरें। एक अनुमान के मुताबिक यदि ये खेल रद्द हुए तो साल के तीसरे क्वॉर्टर में जापान की जीडीपी माइनस (-) में जा सकती है। यही नहीं, ओलंपिक के रद्द होने से जापान की ओलंपिक आयोजन समिति को 603 बिलियन जापानी येन (करीब 41 हजार करोड़ रुपए ) का नुकसान उठाना पड़ सकता है। यह राशि भारत के ताजा खेल बजट से 386 अरब रुपये अधिक है। बता दें कि भारत सरकार ने इस बार केंद्रीय बजट में खेल के हिस्से में 28 अरब 26 करोड़ की राशि आवंटित की है।
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ऐसा नहीं है कि ओलंपिक रद्द होने से सिर्फ आर्थिक नुकसान ही होगा, बल्कि कई हजार एथलीट्स की वर्षों की मेहनत पर भी पानी फिर जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक, ओलंपिक रद्द होने दुनिया भर के 11 हजार एथलीट्स का अपने देश के लिए पदक जीतने का सपना टूट सकता है। इसके अलावा पैरालंपिक्स में हिस्सा लेने की तैयारी में जुटे 4400 पैरा-एथलीट भी पदक जीतने से वंचित रह सकते हैं।