मौजदा हालात में कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सितंबर तक फुटबॉल नहीं शुरू किया जाना चाहिए। यही नहीं, जब फुटबॉल मैच शुरू हों तो मैदान पर थूकना प्रतिबंधित करने के अलावा यदि कोई खिलाड़ी थूकता है तो उसे येलो कार्ड दिया जाना चाहिए। हूग ने स्काई स्पोर्ट्स को दिए इंटरव्यू में यह बात कही।
हूग ने कहा, ‘इस समय स्वास्थ्य से जुड़े मामलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। यह पैसे नहीं, बल्कि जिंदगी-मौत का सवाल है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ही यह सबसे खराब हालात हैं, जिनमें हम जी रहे हैं। हमें कोरोना के खतरे को हल्के में नहीं लेना चाहिए।’ हूग ने खिलाड़ियों की मैच के दौरान थूकने की आदत पर भी रोक लगाने के लिए कहा।
हूग ने कहा, ‘हम सीधे संपर्क से कैसे बचेंगे। यह मेरा सवाल है। हमें टीका बनने तक इंतजार करना होगा। अब स्वच्छता को लेकर नियम बनाने का समय आ गया है। जैसे हमें थूकने से बचना होगा। यह ऐसी चीज है जिस पर हमें वास्तव में विचार करना चाहिए, क्योंकि यह भविष्य के लिए बड़ा खतरा है। इसके लिए मैदान पर थूकने वाले खिलाड़ियों को येलो कार्ड दिया जाना चाहिए।’
हूग ने कहा, ‘मैं एक चिकित्सक के तौर पर बात कर रहा हूं। मुझे मैचों के आयोजक के रूप में बोलने की जरूरत नहीं है, लेकिन चिकित्सीय दृष्टिकोण से मैं मैचों के आयोजन को लेकर बेहद आशंकित हूं। जब तक टीका तैयार नहीं हो जाता तब तक फुटबॉल खेलने से समस्याएं होंगी।’ बेल्जियम के इस फुटबॉल प्रशासक का बयान ऐसे समय आया है, जब जर्मनी में बुंदेसलीगा शुरू करने की तैयारी हो रही है। बुंदेसलीगा अगले महीने होना प्रस्तावित है। वहीं, इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) के मैचों को खाली स्टेडियमों कराए जाने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
इस बीच, मीडिया रिपोर्ट्स में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड सीरीज में अतिरिक्त खिलाड़ी को मौका देने की भी जानकारी सामने आई है। ऑस्ट्रेलिया को जुलाई में इंग्लैंड का दौरा करना है। इसमें 3 वनडे और 3 टी20 मैच होने हैं। बताया जा रहा है कि इस सीरीज में मैच के दौरान यदि कोई खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) उसकी जगह अतिरिक्त खिलाड़ी को खेलने का मौका दे सकती है।
आईसीसी ने पिछले साल ही कन्कशन नियम लागू किया है। इस नियम के मुताबिक, सिर पर गेंद लगने से यदि कोई खिलाड़ी चोटिल होता है तो उसकी जगह रेफरी की मंजूरी से दूसरे क्रिकेटर को मैदान पर उतारा जा सकता है। आईसीसी के प्रवक्ता ने बताया कि क्रिकेट के फिर से शुरू होने से पहले मेडिकल कमेटी से इस बिंदु पर चर्चा कर सकती है।
इंग्लैंड में एक जुलाई तक हर तरह के क्रिकेट पर पाबंदी है। हालांकि, सितंबर से खाली स्टेडियम में मैच के आयोजन कराए जा सकते हैं। यही नहीं, इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड घरेलू मैचों को भी देश के बाहर कराने के लिए तैयार है। शायद यही वजह है कि इंग्लिश एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ऑस्ट्रेलिया सीरीज के पहले ऐसे नियम की तैयारी कर रहा है।