आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली शराब नीति घोटाले में गिरफ्तार कर लिया है। सिंह आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सपोर्ट सिस्टम माने जाते हैं। वह आप के काफी मुखर नेताओं में शुमार हैं।
संजय सिंह और अरविंद केजरीवाल का साथ करीब डेढ़ दशक पुराना है। 2009 में जब केजरीवाल की अगुआई में आरटीआई (RTI) आंदोलन चला था तो सुल्तानपुर में संजय सिंह ने उनके इस आंदोलन को मजबूत आवाज दी थी। तब केजरीवाल खुद उनसे मिलने सुल्तानपुर गए थे और तब से शुरू हुआ साथ लगातार मजबूत ही होता गया।
संघ की स्कूल में पढ़े हैं संजय सिंह
संजय सिंह सुल्तानपुर के ही रहने वाले हैं। उनके घर का नाम गुड्डू है। उन्होंने स्कूली पढ़ाई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा चलाए जाने वाले सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में की। सुल्तानपुर में बारहवीं तक पढ़ने के बाद वह ओड़िशा के क्योंझार चले गए। वहां ओडिशा स्कूल ऑफ माइनिंग एंड इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। दो साल बाद 1993 में उनका डिप्लोमा कोर्स पूरा हो गया। वह सुल्तानपुर लौट गए।
सुल्तानपुर लौट कर संजय सिंह समाजसेवा में लग गए। उन्होंने बचपन के मित्र अशोक सिंह को भी इस काम में साथ लिया और 1994 में आजाद समाजसेवा समिति का गठन किया। बाद में वह लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष रघु ठाकुर के संपर्क में आए और उनसे राजनीति के गुर सीखे।
RTI आंदोलन से अन्ना आंदोलन तक
2009 में जब वह पहली बार अरविंद केजरीवाल से जुड़े तो उसके कुछ ही समय बाद दिल्ली में लोकपाल के लिए आंदोलन हुआ, जिसका नेतृत्व अन्ना हजारे ने किया। रामलीला मैदान में अन्ना अनशन पर बैठे और इस आंदोलन में भारी भीड़ जुटी। आंदोलन के प्रमुख चेहरों में संजय सिंह भी शामिल थे।
20 नवंबर, 2012 को जब अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ, तो संजय सिंह राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाए गए। 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के वक्त केजरीवाल ने उम्मीदवार तय करने की जिम्मेदारी संजय सिंह को ही सौंपी। पार्टी के 28 विधायक जीते और केजरीवाल पहली बार दिल्ली के सीएम बने। हालांकि, उनकी यह सरकार ज्यादा समय नहीं चली।
2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में संजय सिंह को कैंपेन कमेटी की जिम्मेदारी सौंपी गई। उस बार आप की अच्छी जीत हुई और इसके साथ ही संजय सिंह का पार्टी में कद बढ़ता गया। उन्हें कई राज्यों का प्रभार सौंपा गया।
2018 में बने राज्यसभा सांसद
2018 में उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया गया। बीते कुछ सालों में उन्होंने कांग्रेस सहित दूसरी (गैर भाजपा) पार्टियों के नेताओं से भी अच्छे संबंध बनाए। ममता बनर्जी हो या उद्धव ठाकरे, केजरीवाल जब उनसे मिलने जाते हैं तो संजय सिंह भी साथ होते हैं। वह आप की राजनीतिक मामलों की समिति में भी हैं और राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी।
साथ ही, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों के प्रभारी हैं। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता तो हैं ही। इन पदों से ही साफ है कि पार्टी में उनकी क्या अहमियत है। मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद उनका काम उनके ओहदे तक ही सीमित नहीं रह गया है। यही वजह है कि वह अरविंद केजरीवाल के सपोर्ट सिस्टम माने जाते हैं।
संजय सिंह की पत्नी अनीता सिंह स्कूल टीचर हैं। उन्होंने राज्यसभा चुनाव के समय जो हलफनामा दिया था, उसमें पत्नी की कुल संपत्ति 6,01,013 रुपए (इनमें 4,48,500 रुपए के जेवर) बताई थी। खुद की संपत्ति मात्र 59,499 रुपए बताई थी।
संजय सिंह को गीत गुनगुनाना पसंद है। कुछ ही दिन पहले वह आप नेता दिलीप पांडे के साथ बैठे थे तो दोनों ने मिल कर खूब गाने गाए थे।