राज्यसभा सांसद के लिए प्रसिद्ध एथलीट पीटी उषा, संगीतकार इलैया राजा, समाजसेवी वीरेंद्र हेगड़े और मशहूर डायरेक्टर वी. विजयेंद्र प्रसाद को राष्ट्रपति ने मनोनीत किया है। इन हस्तियों को भले ही राष्ट्रपति द्वारा नामित किया गया हो, लेकिन यह अनकहा सत्य है कि नामित सदस्यों को सत्ताधारी दल तय करता है। अब सवाल है भाजपा ने इन चार लोगों को ही क्यों चुना है? जाहिर है इन हस्तियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में दिए विशिष्ट योगदान से देश गौरवान्वित हुआ है। लेकिन क्या इसके अलावा कोई सत्य नहीं है? आइए जानते हैं आकलन क्या इशारा करते हैं…
भारत के राष्ट्रपति विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वाले 12 लोगों को बतौर राज्यसभा सांसद मनोनीत करते हैं। मंगलवार (6 जुलाई) को राष्ट्रपति ने चार नामों की घोषणा की। इन सभी नामों के बीच एक तथ्य कॉमन है। इन चारों हस्तियों का ताल्लुक भारत के दक्षिणी राज्यों से हैं। वही साउथ इंडिया जहां भाजपा अपने गठन के बाद से पैठ बनाने में सफल नहीं हो पाई है।
1. पीटी उषा को सम्मान से उड़न परी और क्वीन ऑफ ट्रैक एंड फील्ड भी कहा जाता है। उनका पूरा नाम पिलाउल्लाकांडी थेक्केपरांबिल उषा है। केरल के कोझिकोड जिले में जन्म लेने वाली पीटी उषा भारत की महानतम खिलाड़ियों में से एक मानी जाती हैं। उन्होंने तीन ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया है। पीटी उषा 1984 के लॉस एंजेलिस ओलंपिक में चौथे नंबर पर आयी थीं। लेकिन ये एक महान उपलब्धि थी क्योंकि पीटी उषा वहां तक पहुंचने वाली यानी ओलंपिक में फाइनल खेलने वाली देश की पहली महिला एथलीट थीं। भाजपा की कोशिश है कि बाधा दौड़ में हवा से बात करने वाली पीटी उषा के बहाने उसकी भी राजनीतिक बाधा दूर हो जाए। क्योंकि केरल में तमाम प्रयासों के बाद भी भाजपा पैर जमाने में कामयाब नहीं हो पाई है। राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव 2021 में ही हुआ था। पूरी लड़ाई एलडीएफ और यूडीएफ के बीच रही। राज्य की 140 में से 97 लेफ्ट गठबंधन और 41 कांग्रेस गठबंधन ने जीता था। भाजपा खाता भी नहीं खोल पाई थी।
2. मशहूर संगीतकार और गीतकार इलैया राजा तमिलनाडु के दलित समुदाय से आते हैं। संगीत की दुनिया में 5 दशक से सक्रिय इलैया राजा का असली नाम आर ज्ञानथेसिकन है। दक्षिण भारतीय संगीत के साथ पाश्चात्य वाद्यों का प्रयोग इन्हें दूसरों से अलग बनाता है। इलैया को बतौर बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर तीन और बतौर बेस्ट बैकग्राउंड स्कोरर दो यानी कुल 5 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है। इसके अलावा पद्म भूषण और पद्म विभूषण से भी नवाजे जा चुके हैं। इलैया राजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना डॉ अम्बेडकर से कर चुके हैं। तमिलनाडु में सामाजिक न्याय की राजनीति पर बहुत जोर रहा है, ऐसे में इलैया राजा को राज्यसभा भेज भाजपा बड़ा संदेश देना चाहती है। तमिलनाडु में भी 2021 में ही विधानसभा का चुनाव हुआ था, लेकिन परिणाम बताते हैं कि भाजपा फिलहाल वहां कि राजनीति में प्रासंगिक भी नहीं है। राज्य की 118 सीटों में से 157 पर DMK+ और 75 पर AIDMK+ ने जीत दर्ज की। बाकी अन्य के बीच बंट गया।
3. समाजसेवी डी वीरेंद्र हेगड़े का संबंध कर्नाटक से है। यह कर्नाटक के धर्मस्थल मंदिर के धर्माधिकारी भी हैं। हेगड़े बच्चों की शिक्षा के लिए काम करते हैं। साथ ही 1872 से हर साल सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। इनकी अन्य उपलब्धियों के साथ-साथ इन्हें जैन समुदाय की करीब 600 साल पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है। भारत की राजनीति में मंदिरों का बड़ा योगदान रहा है। ऐसी राजनीति की सबसे बड़ी लाभार्थी भाजपा रही है। कर्नाटक दक्षिण भारत का एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां भाजपा सरकार बनाने में सफल रही है। हालांकि फिर भी पिछले विधानसभा चुनाव (2018) के बाद भाजपा को काफी जोड़-तोड़ करना पड़ा था।
4. वी. विजयेंद्र प्रसाद मशहूर डायरेक्टर हैं। उन्होंने दक्षिण भारतीय सिनेमा उद्योग से लेकर बॉलीवुड तक को कई हिट फिल्में दी हैं। विजयेंद्र ने बाहुबली, RRR, बजरंगी भाईजान और राउडी राठौर जैसी कमाऊ फिल्मों की पटकथा लिखी है। साथ ही रांझणा और श्रीवल्ली जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है। विजयेंद्र का संबंध आंध्र प्रदेश से हैं। इनका जन्म राज्य के पश्चिम गोदावरी जिले के कोवूर में हुआ था। लोकसभा चुनाव के वक्त ही आंध्र में विधानसभा चुनाव हुआ था। लोकसभा चुनाव में तो एनडीए का प्रदर्शन अच्छा रहा था, लेकिन विधानसभा में वाईएसआरसीपी कांग्रेस ने बंपर जीत दर्ज की। राज्य की 175 सीटों में से 151 पर वाईएसआरसीपी कांग्रेस की जीत हुई थी।
यही वजह है कि राज्यसभा के लिए मनोनित किए गए सदस्यों को भाजपा के ‘मिशन साउथ’ से जोड़कर देखा जा रहा है। अभी हाल में भाजपा ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी तेलंगाना में की थी।