हाल ही में जब गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया तो राहुल गांधी पर तमाम वार किये। अपने पत्र में राहुल की हरकतों को बचकाना करार देते हुए आरोप लगाया वो चाटुकारों की फौज से घिरे हैं। गुलाम नबी ने राहुल गांधी की बचकानी हरकतों का जिक्र करते हुए साल 2013 की एक घटना का उदाहरण दिया, जब उन्होंने अपनी ही सरकार द्वारा पास किये गए एक अध्यादेश को सार्वजनिक तौर पर फाड़ दिया था। यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के विपरीत था, जिसमें किसी भी मामले में दोषी पाए जाने पर सांसदों-विधायकों की सदस्यता रद्द करने की बात कही गई थी।

Continue reading this story with Jansatta premium subscription
Already a subscriber? Sign in करें

कोई बच्चा ही ऐसी हरकत करेगा…

एक इंटरव्यू में गुलाम नबी आजाद ने दावा किया है कि राहुल गांधी की उस हरकत से कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता तो शर्मिंदा हुए ही थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह इतने ख़फा हुए थे कि इस्तीफा देने का मन बना लिया था। बीबीसी हिंदी को दिये एक इंटरव्यू में आजाद ने बताया कि उस घटना के वक्त मैं दिल्ली में नहीं था, होता भी तो कुछ कर नहीं पाता। लेकिन टीवी चैनलों पर अध्यादेश फाड़ने वाला दृश्य देखकर मेरे मन में एक ही ख्याल आया- चाइल्डिश (बचकानी हरकत)। कोई भी वरिष्ठ राजनेता ऐसा कदम उठाने से पहले दस दफा सोचेगा। आपने कहा मैं फाड़ दूंगा…और फाड़ दिया। ये तो कोई बच्चा ही करेगा।

मनमोहन सिंह ने क्यों बदल लिया था मन?

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अध्यादेश फाड़ने के बाद पार्टी के तमाम नेता सन्न थे। मनमोहन सिंह इस्तीफा देने की सोचने लगे, लेकिन वो थोड़ अक्लमंद थे। उन्होंने दूर की सोची…कि इससे इसके (राहुल गांधी) के करियर को नुकसान होगा। उम्र भर रहेगा कि इसके चलते पीएम ने इस्तीफा दिया। पार्टी पर भी आंच आती और सरकार पर तो आती ही आती। यही फर्क है। हालांकि गुलाम नबी आजाद से जब पूछा गया कि इसपर सोनिया गांधी की क्या प्रतिक्रिया थी? उन्होंने कहा मेरी इस बारे में कोई बात नहीं हुई।

अहलूवालिया की किताब में भी जिक्र

आपको बता दें कि जिस वक्त राहुल गांधी ने अध्यादेश की प्रति फाड़ी थी, उस वक्त डॉ. मनमोहन सिंह अमेरिका के दौरे पर थे। उनके साथ योजना आयोग के तत्कालीन उपाध्यक्ष डॉ. मोंटेक सिंह अहलूवालिया भी थे।

अहलूवालिया ने भी अपनी किताब ‘बैकस्टेज: द स्टोरी बिहाइंड इंडियाज हाई ग्रोथ ईयर्स’ में मनमोहन सिंह के इस्तीफा देने वाली बात की तस्दीक की है। अहलूवालिया लिखते हैं कि ‘डॉ. मनमोहन सिंह ने पूछसे पूछा कि क्या मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए? मैंने कहा कि इस मुद्दे पर इस्तीफा देना कतई उपयुक्त नहीं होगा। ‘

Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा विशेष समाचार (Jansattaspecial News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
First published on: 02-09-2022 at 17:16 IST