अमेरिका के दो शीर्ष सांसदों ने भारत को अमेरिका के ‘विशिष्ट वैश्विक सहभागी’ :स्पेशल ग्लोबल पार्टनर: के तौर पर नामित करने और आपसी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने एवं रक्षा सहित विभिन्न मुद्दों पर द्विपक्षीय सहयोग प्रगाढ़ करने के लिए अमेरिका की प्रतिनिधिसभा में एक विधेयक पेश किया है। प्रतिनिधिसभा क विदेशी मामलों की समिति के एक शीर्ष सदस्य इलियट एंजेल और प्रतिनिधिसभा के भारत समर्थक कॉकस के उपाध्यक्ष एवं डेमोक्रेटिक नेता जो क्राउली की ओर से पेश ‘स्पेशल ग्लोबल पार्टनरशिप विद इंडिया एक्ट 2016’ का उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंध की स्थिति का दर्जा बढ़ाते हुए दोनों देशों के संबंधों को बढ़ावा देना है।

भारत के साथ विशिष्ट वैश्विक सहभागिता की पेशकश करने वाले अधिनियम की पेशकश भारत-अमेरिका संबंध को बढ़ाते हुए भारत को अमेरिका के विशिष्ट वैश्विक सहभागी के तौर पर नामित करने के लिए किया गया है। जिसका मकसद रक्षा एवं अंतरिक्ष के क्षेत्र से लेकर उद्यम एवं नवोन्मेष तक समूचे क्षेत्रों में बेहतर सहभागिता स्थापित करना है। विधेयक (एचआर 5387) के जरिए शस्त्र निर्यात नियंत्रण अधिनियम को भी संशोधित किया जाएगा और इससे अमेरिका के राष्ट्रपति को भारत को करीबी सहभागियों में शामिल करने की इजाजत मिल जाएगी।

विधेयक से अमेरिका के राष्ट्रपति भारत को सामरिक व्यापार प्राधिकरण में छूट की अनुमति और शिक्षा, डिजिटल सेक्टर में वृद्धि, पर्यावरण सुरक्षा जैसे अहम प्राथमिक मुद्दों का समर्थन करने वाले ऐसे तमाम क्षेत्रों में सहयोग को संहिताबद्ध करने के लिए अधिकृत हो जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र का संबोधन सुनने के बाद एंजेल ने कहा, ‘भारत को विश्ष्टि वैश्विक सहभागी के तौर पर नामित करने वाला यह विधेयक हमारे संबंध को वह मुकाम दिलाएगा जिसके हकदार हैं और इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि आने वाले वर्षों में हमारा करीबी सहयोग जारी रहे।’

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस की संयुक्त सभा में मुझे प्रधानमंत्री मोदी का भाषण सुनने का गौरव प्राप्त हुआ और यह स्पष्ट है कि अमेरिका एवं भारत प्रतियोगिता से सहभागिता के जरिए सफलतापूर्वक हमारे संबंध को गति दे रहे हैं।’ एंजेल ने कहा, ‘रक्षा से लेकर वैज्ञानिक अनुसंधान, जलवायु परिवर्तन से लेकर आर्थिक नवोन्मेष तक इससे पहले हमने लोगों एवं भारत सरकार के साथ इतने करीब से काम नहीं किया और अब हमें इन संबंधों को और मजबूत करने की आवश्यकता है।’

अमेरिकी कांग्रेस के सांसद क्राउली ने कहा, ‘अमेरिका-भारत संबंध की जड़ें लोकतांत्रिक मूल्यों और मजबूत जन भागीदारी संबंधों में विद्यमान हैं – यह दुनिया की सबसे तेजी से उभरती सहभागिता है और मेरा मानना है कि अमेरिका-भारत संबंध को प्रबल होना चाहिए जो दशकों पहले निर्धारित देश की विदेश नीति में आधारशिला का काम करेगा।’

क्राउली ने कहा, ‘विशिष्ट वैश्विक सहभागी के तौर पर भारत को नामित करने से महत्वपूर्ण, सामरिक सहभागिता और ठोस बनेगी और अमेरिका-भारत संबंधों के अगले अध्याय की शुरूआत में साझा प्रयास जारी रखा जाएगा।’