अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज वोट डाले जा रहे हैं। इस बीच ये अमेरिका के इतिहास का दूसरा सबसे महंगा चुनाव 2024 चुनावों पर होने वाला कुल खर्च करीब 16 बिलियन डॉलर (करीब 13 हजार 280 करोड़ रुपए) तक पहुंच सकता है। अमेरिकी चुनाव पर रिसर्च करने वाली ‘ओपन सीक्रेट्स’ के मुताबिक यह दूसरा सबसे महंगा चुनाव हो सकता है। अमेरिका में 2020 का चुनाव सबसे महंगा था। इसमें करीब 18 बिलियन डालर (15 हजार 500 करोड़ रुपए) खर्च हुए थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवार हैं जबकि कमला हैरिस डेमोक्रेटिक की उम्मीदवार है। चुनाव प्रचार के दौरान दोनों नेताओं में जमकर बयानबाजी हुई है।
ट्रंप को कमला ने छोड़ा पीछे
t
वर्ष 1998 के चुनावों में कुल 3.12 बिलियन डॉलर खर्च हुए थे। लेकिन अब 25 साल बाद ये खर्च बढ़कर करीब 6 गुना हो चुका है। ‘ओपन सीक्रेट्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक अभी कुल खर्च में थोड़ा अंतर आ सकता है, क्योंकि चुनाव में अभी भी कुछ दिन बाकी हैं। चुनाव अभियान में पैसा लगाने के मामले में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को काफी पीछे छोड़ दिया है।
फेडरल इलेक्शन कमीशन के मुताबिक राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल होने के बाद से ही कमला हैरिस रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप की तुलना में काफी ज्यादा खर्च कर रही हैं। कमला हैरिस ने चुनाव प्रचार में अब तक 800 मिलियन डॉलर (6 हजार 640 करोड़) से अधिक खर्च किए हैं। वहीं ट्रंप ने अपने अभियान पर कुल 360 मिलियन डॉलर (करीब 3 हजार करोड़ रुपये) खर्च किए हैं। चुनावी खर्च का ज्यादातर हिस्सा विज्ञापनों पर लगा है।
विज्ञापनों में ट्रंप आगे
आंकड़ों के मुताबिक ट्रंप ने विज्ञापनों पर खर्च के मामले में कमला हैरिस को पीछे छोड़ दिया है। ट्रंप के समर्थन में विज्ञापन चलाने में 35 मिलियन डॉलर (करीब 300 करोड़ रुपये) से ज्यादा खर्च हुए, जबकि हैरिस के लिए विज्ञापनों में करीब 30 मिलियन डॉलर (लगभग 250 करोड़ रुपये) खर्च हुए।