प्रेग्नेंसी का समय हर औरत के लिए खास होता है। इस दौरान गर्भवती महिला में कई शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक बदलाव होते हैं, साथ ही कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी होती हैं। अगर महिलाएं इस दौरान तनाव लेती है, डाइट का ध्यान नहीं रखती तो उन्हें जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा भी हो सकता है। सलाहकार चिकित्सक और मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अश्विनी सरोदे चंद्रशेखर के मुताबिक गर्भवती महिलाओं को जटिलताओं से बचने के लिए उनको ब्लड शुगर (blood sugar level) का स्तर 95-140 mg/dL तक बनाए रखना चाहिए।

एक स्वस्थ इंसान में सामान्य ब्लड शुगर (blood sugar level)का स्तर 90 से 100 mg/dL के बीच होना चाहिए। लेकिन कभी-कभी तनाव और खराब डाइट का सेवन करने से ब्लड शुगर (blood sugar level)का स्तर कम और ज्यादा हो सकता है। ब्लड शुगर का कम या ज्यादा होना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।

कुछ महिलाओं को डायबिटीज की बीमारी नहीं होती लेकिन उन्हें प्रेग्नेंसी में डायबिटीज हो जाती है और प्रेग्नेंसी के बाद ये शुगर की बीमारी खतम भी हो जाती है। प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली इस डायबिटीज को जस्टेशनल डायबिटीज कहा जाता है। ये डायबिटीज प्रेग्नेंसी के छटे महीने से लेकर सातवे महीने तक में हो सकती है। इस बीमारी का पता ओरल ग्लूकोज टॉलरेंट टेस्ट के जरिए पता लगाया जाता है।

प्रेग्नेंसी में डायबिटीज कैसे सेहत को प्रभावित करती है: (effect of diabetes in pregnancy)

एक्सपर्ट के मुताबिक प्रेग्नेंसी में डायबिटीज (diabetes in pregnancy)ना सिर्फ मां की सेहत को प्रभावित करती है बल्कि बच्चे की जान के लिए भी खतरा पैदा करती है। प्रेग्नेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज (gestational diabetes) की वजह से महिला को भविष्य में टाइप 2 डायबिटीज (type 2 diabetes)का खतरा हो सकता है।

डॉक्टर सुर्भी सोलंकी के मुताबिक अगर प्रेग्नेंसी में ब्लड शुगर को कंट्रोल नहीं किया जाए तो मां और बच्चे दोनों की सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड शुगर का स्तर कितना होना चाहिए? आइए डॉक्टर सुर्भी से जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में शुगर चार्ट के बारे में।

फॉस्टिंग ब्लड शुगर का स्तर92 mg/dl से कम होना चाहिए। ज्यादा है तो जस्टेशनल डायबिटीज के निदान की जरूरत है।
एक घंटे के बाद शुगर का स्तर180 mg/dl तक होना चाहिए, इससे ज्यादा है तो जस्टेशनल डायबिटीज के इलाज की जरूरत है।
ग्लूकोज सॉल्यूशन के दो घंटे बाद153 mg/dlसे ज्यादा है तो जस्टेशनल डायबिटीज का डायग्नोज होगा।

इन बातों का रखें ध्यान: (keep these things in mind)

  • प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं अपनी डाइट (diet)का ध्यान रखें। डाइट में पोषक तत्वों को शामिल करें।
  • मसालेदार ऑयली फूड्स से परहेज करें। (Avoid spicy oily foods)
  • खाने में नमक और चीनी का सेवन कम करें। (reduce salt and sugar intake)
  • बॉडी को एक्टिव रखें। नॉर्मल वॉक और हल्की एक्सरसाइज भी इस दौरान है जरूरी।
  • तनाव से दूर रहें। तनाव कई बीमारियों का कारण बनती है।