शादीशुदा जोड़ों के लिए प्रेग्नेंट होना सबसे बड़ी खुशी होती है। जो लोग प्रेग्नेंसी प्लान कर रहे हैं उनके लिए फिजिकल रिलेशन (physical relationship) बनाने के बाद एक महीने तक का इंतजार करना काफी लम्बा समय लगता है। प्रेग्नेंसी टेस्ट के जरिए प्रेग्नेंसी कंफर्म होती है। ये टेस्ट पीरियड रुकने के बाद ही कराया जाता है।
आप प्रेग्नेंट हो गई है इसका पता आपके कंसीव करने के 4-5 दिनों में भी लग सकता है। हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक फिजिकल रिलेशन बनाने के 3 से 4 दिनों में आपकी प्रेग्नेंसी के लक्षण आपकी बॉडी में दिखने लगते हैं। आज हम आपको प्रेग्नेंसी के कुछ ऐसे शुरुआती लक्षणों के बारे में (Sign of Pregnancy)बता रहे हैं जो कंसीव करने के 3-4 दिनों बाद ही दिख जाते हैं।
वजाइनल डिस्चार्ज होना: (Vaginal Discharge During Pregnancy)
कंसीव करने के बाद वजाइनल डिस्टार्ज होना आपके कंसीव करने के सबूत हैं। कंसीव करने के बाद बॉडी में हॉर्मोनल बदलाव होने लगते हैं जिसकी वजह से वजाइना की वॉल मोटी पड़ने लगती है और वजाइना के सेल्स बहुत तेजी से बढ़ने लगते हैं।
क्रेंप पड़ना: (Cramps)
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में पेट में ऐंठन (abdominal cramping) हो सकती है। हालांकि क्रेम का होना पीरियड शुरू होने के भी संकेत हो सकते हैं।
स्पोटिंग हो सकती है: (Spotting)
अंडे के फर्टिलाइज होने के 6 से 12 दिनों के बाद हल्की ब्लीडिंग हो सकती है। जब फर्टिलाइज्ड एग आपकी बच्चेदानी की लाइनिंग से चिपकने लगता है तो उस प्रोसेस में कुछ ब्लड वेसल्स फट जाते हैं, जिससे हल्की ब्लीडिंग महसूस हो सकती है। ये ब्लीडिंग पीरियड की ब्लीडिंग से बिल्कुल अलग होती है। पीरियड में ब्लीडिंग काफी तेज होती है और उसमें कमर में और बॉडी में दर्द की शिकायत रहती है।
जी मिचलाना: (Nausea)
हार्मोन के बढ़ते स्तर के कारण कंसीव करने के बाद आपको जी मिचलाना जैसे लक्षण दिख सकते हैं। यह गर्भावस्था के एक सामान्य संकेत है।
ब्रेस्ट में खिंचाव होना: (Tender breasts)
कंसीव करने के बाद ब्रेस्ट संवेदनशील हो सकते हैं। कंसीव करने के बाद हॉर्मोन में बदलाव होता है जिससे ब्रेस्ट में टेंडरनेस बढ़ सकती है। हालांकि ब्रेस्ट में ये पीरियवर्त पीरियड से पहले भी होते हैं।