विटामिन बी12 की कमी एक विश्वव्यापी समस्या बनती जा रही है। माना जाता है कि भारतीय आबादी में विटामिन बी12 की कमी बड़े पैमाने पर है। पिछले कुछ दिनों की खबरों पर ध्यान दें तो भारत में पुरुषों और महिलाओं दोनों में विटामिन बी12 की कमी एक साइलेंट महामारी के रूप में उभर रही है। विटामिन बी12 की कमी भारतीय उपमहाद्वीप, मैक्सिको, मध्य और दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका के चुनिंदा क्षेत्रों में भी एक गंभीर समस्या बनी हुई है। इस जरूरी विटामिन की कमी के लिए खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल जिम्मेदार है।
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली में आंतरिक चिकित्सा के वरिष्ठ सलाहकार, डॉ सुरनजीत चटर्जी कहते हैं कि बॉडी में विटामिन बी 12 की कमी के कारण क्या हैं और आपके शरीर पर ये क्या प्रभाव डाल सकती हैं, इसके बारे में लोगों में जागरूकता कम है। इस विटामिन की कमी लोगों को कई गंभीर बीमारियों की चपेट में धकेल देती है।
विटामिन बी12, जिसे कोबालामिन भी कहा जाता है। ये विटामिन रेड ब्लड सेल्स के निर्माण, डीएनए संश्लेषण और न्यूरोलॉजिकल हेल्थ सहित शरीर के कई कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बॉडी में इस जरुरी विटामिन की कमी होने पर बॉडी में कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। बॉडी में कमजोरी, थकान, न्यूरोलॉजिकल प्रोब्लम और एनीमिया जैसी बीमारी इस जरूरी विटामिन की कमी की वजह से ही होती है।
देश और दुनियां में ज्यादातर लोग खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल के साथ ही जिंदगी गुजार रहे हैं जिसका नतीजा इस विटामिन की कमी महामारी की तरह लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। आइए जानते हैं कि इस विटामिन की कमी के कारण और लक्षण कौन-कौन से हैं और इससे बचाव कैसे करें।
डाइट पैटर्न:
प्लांट बेस्ड फूड्स का अधिक सेवन करने से और एनिमल बेस्ड फूड्स में कटौती करने से बॉडी में विटामिन बी 12 की कमी होने लगती है। विटामिन बी12 मुख्य रूप से मांस, मछली, अंडे और डेयरी प्रोडक्ट में पाया जाता है।
बढ़ती उम्र भी विटामिन बी 12 की कमी का कारण
जैसे-जैसे व्यक्तियों की उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे बॉडी में भोजन से बी12 को अवशोषित करने की क्षमता कम हो जाती है। प्रेग्नेंट, ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं, बच्चों और यंग लोगों में भी विटामिन बी12 की कमी पाई जाती है।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर
कुछ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्थितियां, जैसे क्रोहन रोग (Crohn’s disease), सीलिएक रोग (Celiac disease) और एट्रोफिक गैस्ट्रिटिस (atrophic gastritis), शरीर की बी 12 को अवशोषित करने की क्षमता को कम कर सकती हैं। ये डिजीज पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं। बी12 सहित पोषक तत्वों के अवशोषण को रोकते हैं, जिससे पर्याप्त विटामिन बी 12 की डाइट लेने वाले व्यक्तियों में भी इसकी कमी हो जाती है।
दवाएं
एसिड रिफ्लक्स के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्रोटॉन पंप इनहिबिटर (PPIs)और आमतौर पर डायबिटीज की कुछ दवाओं का लंबे समय तक उपयोग करने से बॉडी में विटामिन बी 12 के अवशोषण में कमी होने लगती है। PPIsपेट में एसिड उत्पादन को कम करता है, जो भोजन से बी12 रिलीज करने के लिए जरूरी है। जबकि मेटफॉर्मिन आंतों में बी12 अवशोषण को प्रभावित कर सकता है।
विटामिन बी12 की कमी के लक्षण क्या हैं?
विटामिन बी12 की कमी होने पर थकान, कमजोरी, हाथ-पैरों का सुन्न होना, झुनझुनी होना और संज्ञानात्मक कठिनाइयां शामिल हैं।
विटामिन बी 12 की कमी को पूरा कैसे करें
- बॉडी में इस जरुरी विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए डाइट में बादाम का सेवन करें।
- रोजाना एक गिलास दूध का सेवन जरूर करें।
- दही का सेवन करें। दही विटामिन बी12, कैल्शियम और प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत है।
- ब्रोकली का सेवन करें। ब्रोकली जरूरी विटामिन और मिनरल्स का खजाना है।