High BP Ayurvedic Remedies: उच्च रक्तचाप की समस्या आज के समय में बहुत गंभीर हो चुकी है। वर्क प्रेशर, पर्सनल लाइफ में स्ट्रेस, अनहेल्दी डाइट, फिजिकली इनैक्टिव होने से लोगों के रक्तचाप का स्तर प्रभावित होता है। हाई ब्लड प्रेशर यानि हाइपरटेंशन का सामान्य तौर पर कोई लक्षण नहीं दिखता इस कारण इसे ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है। बता दें कि ब्लड प्रेशर का नॉर्मल रेंज 120/80 mm Hg होता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक उच्च रक्तचाप की समस्या से निजात दिलाने में आयुर्वेद भी मददगार साबित होता है। आइए जानते हैं ऐसे 4 आयुर्वेदिक उपाय जो रक्तचाप क स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

केला: हाई बीपी के मरीजों को पोटैशियम खाने की सलाह दी जाती है। केला में भी ये खनिज पदार्थ प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। इससे शरीर में सोडियम की मात्रा कम होती है जिससे ब्लड वेसल्स पर पड़ने वाला तनाव कम होता है। हालांकि, खाने के साथ या उसके बाद, दूध के साथ या उसके बाद और रात को केला खाने से बचना चाहिए।

काली मिर्च: एक रिपोर्ट के मुताबिक काली मिर्च में पिपरीन नाम का एक तत्व होता है जो ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मदद करता है। विटामिन-सी और कैरोटिनॉयड का बेहतरीन स्रोत होता है काली मिर्च जो कोशिकाओं और धमनियों के संकीर्ण होने से दिल को डैमेज होने से बचाता है। इसके सेवन से हृदय रोग से ग्रस्त होने की संभावना कम हो जाती है।

तुलसी पत्ते: ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में तुलसी का सेवन असरदार साबित होता है। ये औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं जो जो रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करते हैं। इसमें यूजेनॉल पाया जाता है जो कैल्शियम चैनल को ब्लॉक करता है। साथ ही, इससे ब्लड वेसल्स रिलैक्स होते हैं।


दालचीनी: भारतीय रसोइयों में दालचीनी का इस्तेमाल आम है, साथ ही ये स्वास्थ्य गुणों से भी भरपूर होता है। ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में भी दालचीनी का सेवन कारगर होता है। ये हृदय रोग के प्रमुख कारणों जैसे कि हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल, मोटापा और ट्राइग्लिसराइड्स को बेहतर करने में मदद करता है।