जिंदगी की मसरूफियत और काम का बोझ हमें अक्सर थका देता है। कई बार थकान इतनी बढ़ जाती है कि उसे दूर करने के लिए दवाईयों का सहारा लेना पड़ता है। कुछ लोग ऐसे भी है जो हल्का सा भी सिर दर्द,बॉडी पेन और जोड़ों में दर्द होने पर दवाई खाने के लिए उतावले रहते हैं। ऐसे लोग दर्द को दूर करने के लिए कई तरह के पेन किलर का इस्तेमाल करते हैं। आप जानते हैं कि दवाईयों का ज्यादा इस्तेमाल आपकी बॉडी को खोखला बना देता है। ज्यादा दवाईयों का सेवन करने से इम्युनिटी कम होने लगती है और आपकी बॉडी किसी भी बीमारी को जल्दी ठीक नहीं कर पाती है।
दवाईयों के आदि होने पर आपकी बॉडी में कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं जैसे बेहोशी,ब्लोटिंग,गैस,पाचन की परेशानियां, सुस्ती, डायरिया की शिकायत हो सकती है। दवाईयों के ज्यादा इस्तेमाल करने से किडनी, लीवर, ब्रेन, हार्ट और बोन मैरो तक खराब हो सकता है। ज्यादा दवाई का सेवन आपकी आंतों को सड़ा सकता है।
आयुर्वेदि एक्सपर्ट डॉक्टर प्रताप चौहान के मुताबिक एंटीबॉयोटिक का ज्यादा इस्तेमाल आपको तुरंत तो राहत दिला देता है लेकिन उसका कुछ समय बाद बॉडी पर असर होना कम हो जाता है। एक्सपर्ट के मुताबिक आयुर्वेद में ऐसी बहुत सी नेचुरल चीजें है जो दर्द को कम करती हैं और बॉडी को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता। आइए जानते हैं कि सिर दर्द,बॉडी पेन या फिर जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए कौन से आयुर्वेदिक नुसखे असरदार साबित होते हैं।
दर्द से परेशान रहते हैं तो दालचीनी (cinnamon)का सेवन करें:
औषधीय गुणों से भरपूर दालचीनी का सेवन करने से सेहत को बेहद फायदा होता है। इसका सेवन करने से इम्युनिटी स्ट्रोग होती है और दर्द से निजात मिलती है। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए और गठिया के दर्द को दूर करने के लिए दवाई लम्बे समय से खा रहे हैं तो आप दवाईयों की जगह दालचीनी का सेवन करें। नेचुरल चीजों का सेवन आपको दर्द से राहत दिलाता है।
किसी भी तरह के दर्द का इलाज दवाई से नहीं नीम से करें:
नीम औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है जिसका सेवन स्किन से लेकर जोड़ों और हड्डियों के दर्द को दूर करने में किया जा सकता है। नीम में इंफ्लामेटरी गुण मौजूद होते हैं जो दर्द से राहत दिलाते हैं। नीम की पत्तियां जोड़ों के दर्द को दूर करती हैं। एक गिलास पानी में नीम के फूल और पत्ते उबालकर उसका सेवन करें आपको दर्द से राहत मिलेगी और बॉडी का कई बीमारियों से भी उपचार होगा।
हल्दी और काली मिर्च से करें दर्द का उपचार:
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा 2014 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार हल्दी में मौजूद करक्यूमा कंपाउंड मौजूद होता है जो दर्द से राहत दिलाने में असरदार साबित होता है। काली मिर्च में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। अगर आप स्पाइनल और ज्वाइंट पेन से पीड़ित हैं,तो काली मिर्च या हल्दी का सेवन करें। हल्दी जोड़ों के दर्द को दूर करने में असरदार है। हल्दी का सेवन इन्फ्लेमेशन, सिर दर्द से लेकर गले के दर्द तक को दूर करने में असरदार साबित होती है।