आजकल के समय में अगर किसी से पूछा जाए कि घर में सबसे अच्छा काम किया लगता है तो एक ही जवाब मिलेगा और वह है सोना। सोना हर किसी को बहुत अच्छा लगता है, लेकिन आज के समय में कामकाज, खराब खानपान, अनहेल्दी लाइफस्टाइल नींद का दुश्मन बन गया है। दरअसल, दिन के 24 घंटों में से कम से कम 7 से 8 घंटे आराम के लिए रखना जरूरी है। हालांकि, काम के तनाव, मोबाइल-लैपटॉप के बढ़ते इस्तेमाल और तनाव के कारण नींद की गुणवत्ता बिगड़ रही है।

आज के समय में कुछ लोग “अगर मुझे सोने का समय मिल गया, तो मैं देर से सोऊंगा” के रवैये के साथ अपना जीवन जीते हैं, लेकिन इस लापरवाही का शरीर पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। नींद न केवल शरीर को आराम देती है, बल्कि मस्तिष्क की कोशिकाओं की मरम्मत, हार्मोन्स को संतुलित करने, मांसपेशियों को पुनर्जीवित करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए भी जरूरी है।

निदेशक एवं प्रमुख, न्यूरोलॉजी एवं न्यूरो वैस्कुलर इंटरवेंशन, फोर्टिस अस्पताल, दिल्ली एवं फरीदाबाद, डॉ. विनीत बंगा ने बताया कि अपर्याप्त नींद के कारण, हम लगातार थकान, चिड़चिड़ापन, याददाश्त कमजोर होने जैसी चीजों का अनुभव आसानी से करते हैं, लेकिन इससे आगे नींद की कमी से कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। नींद की कमी हमारे शरीर को कैसे नुकसान पहुंचाती है।

मस्तिष्क की कार्यक्षमता कम होना

नींद की कमी का सीधा असर दिमाग पर पड़ता है। रात में पर्याप्त नींद न लेने से याददाश्त कमजोर होती है और ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होती है। निर्णय लेने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे डेली लाइफस्टाइल में कार्यक्षमता कम हो जाती है। प्रतिक्रिया देने की गति भी धीमी हो जाती है, जिससे काम करते या गाड़ी चलाते समय गलतियां होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे, तो इससे मस्तिष्क को तेजी से नुकसान पहुंच सकता है।

हार्मोन में असंतुलन

शरीर में भूख, तनाव, खुशी या तृप्ति को कंट्रोल करने वाले कई हार्मोन होते हैं। जब हम नींद की कमी से जूझते हैं, तो ये हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं। खासतौर पर भूख को कंट्रोल करने वाले हार्मोन, घ्रेलिन और लेप्टिन, प्रभावित होते हैं। हमें ज्यादा खाने की इच्छा होती है और वजन बढ़ता है। साथ ही तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन भी अनियंत्रित हो जाते हैं, जिसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है।

हार्ट रोग का खतरा

अपर्याप्त नींद ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने वाली प्रणालियों को बाधित करती है। इससे हाई ब्लड प्रेशर, अनियमित दिल की धड़कन और हार्ट रोग का खतरा काफी बढ़ जाता है। शोध के अनुसार, जो लोग दिन में 5-6 घंटे से कम सोते हैं, उन्हें दिल का दौरा पड़ने का खतरा ज्यादा होता है। नींद हार्ट की मांसपेशियों को आराम देती है, इसलिए बिना नींद के उन्हें लगातार काम करते रखना खतरनाक हो सकता है।

इम्यूनिटी कमजोर

नींद के दौरान शरीर में रोगों से लड़ने वाली कोशिकाएं सक्रिय हो जाती हैं। अगर आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो इन कोशिकाओं का कार्य धीमा पड़ जाता है और प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। इसके कारण सर्दी-जुकाम, खांसी, फ्लू जैसी बीमारियां बार-बार होने लगती हैं। ये न केवल साधारण बीमारियों को, बल्कि लंबी बीमारियों को भी न्योता देती हैं।

वहीं, फिटनेस ट्रेनर नवनीत रामप्रसाद के अनुसार, सिर्फ लंबी वॉक करना 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को मजबूत बनाने के बजाय और भी कमजोर कर सकता है।