माइग्रेन एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जिसमें हल्का और तेज सिरदर्द होता है। इस दर्द में सिर की एक ओर झनझनाहट वाला तेज दर्द महसूस होता है। माइग्रेन की परेशानी लगभग पांच महिलाओं में से एक और लगभग 15 पुरुषों में से एक को प्रभावित करती हैं। गर्मी के दिनों में लोगों को माइग्रेन का दर्द बेहद परेशान करता है। इस बीमारी के लक्षणों की बात करें तो मतली होना,उल्टी आना, प्रकाश अथवा ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता जैसे लक्षण होते हैं। एक बार ये दर्द शुरु हो जाए तो लोगों को हफ्तों परेशान करता है। इस दर्द की वजह से सिर के किसी एक हिस्से में बेहद परेशान करने वाला दर्द होता है। इस दर्द को दूर करने के लिए लोग पेन किलर का सहारा लेते हैं जिसके सेहत पर कई तरह के साइड इफेक्ट होते हैं।

लेकिन आप जानते हैं कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति इस परेशानी का उपचार करने में असरदार साबित होती है। आयुर्वेदिक चिकित्सक जीवनशैली की उन समस्याओं से निपटने में हमारी मदद करते हैं जो ज्यादातर खराब डाइट,नींद की कमी और अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि के कारण होती हैं। खराब डाइट,बिगड़ता लाइफस्टाइल और तनाव कई क्रॉनिक बीमारियों का कारण बनते हैं। डायबिटीज, ब्लड शुगर और थायराइड ऐसी बीमारियां है जो खराब डाइट और लाइफस्टाइल में खराबी की वजह से पनपती हैं।

हाल ही में आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ.मिहिर खत्री ने एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें बताया है कि रबड़ी-जलेबी एक ऐसी स्वादिष्ट मिठाई का कॉम्बीनेशन है जिससे कई बीमारियों का उपचार किया जा सकता है। ये फूड कॉम्बीनेशन माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए बेहतरीन फूड है। एक्सपर्ट के मुताबिक जिन लोगों को माइग्रेन की शिकायत रहती है वो जलेबी और रबड़ी का सेवन 1-3 सप्ताह तक करें।

पंचतत्व के नैचरोपैथी फीजिशियन और संस्थापक डॉक्टर अवंतिका कृष्णा किला कहती हैं कि माइग्रेन के दर्द का संभावित कारण कैसिइन (casein)है। कैसिइन एक ऐसा प्रोटीन है जो डेयरी और डेयरी उत्पादों में पाया जाता है। कैसिइन अधिकांश पुरानी बीमारियों के लिए एक प्रमुख ट्रिगर है,खासकर उन लोगों के लिए जिनको आंत की परेशानी होती है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर माइग्रेन के दर्द से निजात पाना है तो पूरी तरह लाइफस्टाइल में बदलाव करें।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के मुताबिक माइग्रेन के दर्द से राहत पाने का उपाय:

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के मुताबिक माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए दूध के साथ जलेबी का सेवन असरदार है। आयुर्वेद के मुताबिक सुबह सूर्योदय को वात का समय कहा जाता है जो दर्द का कारण बनता है। इस समय दर्द वात से जुड़ा होता है। चूंकि जलेबी और रबड़ी “कफवर्द्धक आहार” हैं और ये दोषों में संतुलन लाते हैं। अगर सुबह खाली पेट माइग्रेन के मरीज इसका सेवन करें तो सिरदर्द से निपटने में मदद मिलती है।

सूर्योदय से पहले रबड़ी के साथ गर्म जलेबी खाने से सिर दर्द में फायदा पहुंचता है। अगर आप माइग्रेन के दर्द से परेशान रहते हैं तो 1 से अधिकतम 3 सप्ताह तक जलेबी का सेवन कर सकते हैं। डायबिटीज के मरीज या लैक्टोज इनटॉलेरेंस में इससे परहेज करें।

एलोपैथी के मुताबिक क्या रबड़ी जलेबी माइग्रेन का उपचार करती है:

रजिस्टर्ड डायटिशियन गरिमा गोयल के मुताबिक पर्याप्त मानव परीक्षण किए बिना किसी भी फूड्स का सेवन करने का सुझाव देना ठीक नहीं है। रबड़ी और जलेबी के लगातार सेवन से बॉडी को कई तरह के नुकसान भी पहुंच सकते हैं।