हवा में ठंडक का अहसास बढ़ते ही अधिकतर लोगों को गले से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में वे कई घरेलू नुस्खों का सहारा लेने लगते हैं। इसके लिए वे तमाम तरह की जड़ी-बूटियों या मसालों का सेवन करना शुरू कर देते हैं। हालांकि, इनसे अलग एक ऐसा तरीका जिसका उपयोग सबसे अधिक किया जाता है और जो गले में खराश से लेकर सूजन, दर्द यहां तक की साइनस की परेशानी में भी असरदार माना गया है, वो है नमक के पानी से गरारे करना।
आपने दादी-नानी को भी अक्सर गले से जुड़ी किसी भी तरह की परेशानी को ठिक करने के लिए नमक से गरारे करने की सलाह देते हुए सुना होगा, लेकिन क्या ये तरीका वाकई असरदार है? अगर हां, तो आखिर मात्र इस पानी से गरारे करने से ये समस्या किस तरह ठिक हो जाती हैं, आइए जानते हैं हेल्थ एक्सपर्ट्स से-
कितना फायेमंद है नमक के पानी से गरारे करना?
मामले को लेकर नोएडा के शारदा हॉस्पिटल के एमडी (इंटरनल मेडिसिन) डॉ. श्रेय श्रीवास्तव ने इंडियन एक्सप्रेस संग हुई एक खास बातचीत के दौरान बताया, ‘नमक के पानी से गरारे करना एक सरल, सुरक्षित और किफायती घरेलू उपाय है। ये तरीका अक्सर गले में खराश या साइनस संक्रमण जैसे वायरल रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के लिए उपयोग किया जाता है। साथ ही इससे गले की खराश, दर्द और सूजन में भी राहत मिलती है।’
किस तरह करता है असर?
इसे लेकर सीके बिड़ला अस्पताल, दिल्ली के प्रमुख सलाहकार, मधुमेह, ओबेसिटी और इंटरनल मेडिसिन डॉ. त्रिभुवन गुलाटी भी सहमति जताते हुए कहते हैं, ‘नमक के पानी से गरारे करना कई तरह की मौखिक और गले से जुड़ी बीमारियों के लिए एक समय-परीक्षणित और प्रभावी उपाय है। दरअसल, पानी में नमक मिलाने से तैयार खारा सॉल्यूशन एक ऐसा वातावरण बनाने में मदद करता है, जिसमें बैक्टीरिया और वायरस पनपते नहीं हैं और इस तरह आपको गले की खराश, दर्द या सूजन से राहत मिल जाती है। इसके अलावा नमक के पानी से गरारे करने से इंफ्लेमेटरी टिशू से अतिरिक्त तरल पदार्थ निकल जाता है, जिससे भी दर्द से राहत मिलती है और उपचार की प्रक्रिया तेज हो जाती है।’
वहीं, डॉ. श्रीवास्तव बताते हैं, ‘वैज्ञानिक रूप से भी साबित हो चुका है कि नमक मुंह के ऊतकों (Oral Tissues) से पानी निकालने में मदद करता है। नमक एक ऐसा अवरोधक बनाता है, जो वायरस और बैक्टीरिया को वापस अंदर जाने से रोकता है और इस तरह से मुंह और गले में संक्रमण की संभावना कम हो जाती है, साथ ही इससे गले में सूजन से भी राहत मिलती है।’
दूर रहते हैं कीटाणु
डॉ. श्रीवास्तव आगे बताते हैं, ‘नमक का ऑस्मोटिक प्रभाव बलगम को तोड़कर इसके गले में जमाव को कम करने में मदद करता है। साथ ही इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक गुण खतरनाक कीटाणुओं को हटाकर बीमारियों की प्रगति को रोकने में भी सहायता करते हैं। ऐसे में ना केवल गले में खराश से निजात पाने के लिए नमक के पानी से गरारे करना फायदेमंद है, बल्कि इस आसान तरीके से सर्दी, फ्लू, साइनस और श्वसन संक्रमण, एलर्जी, दांत से जुड़ी समस्याओं (मसूड़े की सूजन, पेरियोडोंटाइटिस और कैविटीज़) और मुंह के अल्सर जैसी गंभीर परेशानियों से भी राहत पाई जा सकती है।’
डॉ. श्रीवास्तव इसके लिए 250 मिलीलीटर गर्म पानी में लगभग 1/4 से 1/2 चम्मच नमक मिलाकर दिन में कम से कम दो बार गरारे करने की सलाह देते हैं।