अक्सर ड्राई फ्रूट्स खाने की सलाह उन लोगों को दी जाती है जो हर छोटी-छोटी बातों को भूल जाते हैं। कई शोध में भी ये बात सामने आ चुकी है कि सूखे मेवे, खासकर बादाम खाना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। बादाम प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और गुड फैट जैसे कई पोषक तत्वों से भरपूर बादाम शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए जरूरी है। इसलिए सर्दियों के मौसम में डॉक्टर्स भी लोगों को बादाम खाने को कहते हैं।

हालांकि, अधिक मात्रा में बादाम खाने के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं। बादाम के ज्यादा सेवन से वजन बढ़ने का खतरा होता है, वहीं इससे आंखों की रोशनी भी प्रभावित होती है। बादाम की तासीर गर्म होती है, ऐसे में अधिकतर लोगों के मन में ये सवाल आता है कि क्या अधिक मात्रा में बादाम खाने से यह उतना ही सेहतमंद साबित होगा, आइए जानते हैं –

कितना बादाम खाएं: बादाम को भिगोकर खाने से इसमें मौजूद फाइबर को पचाना आसान हो जाता है। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के अनुसार ज्यादा मात्रा में बादाम का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए हर दिन एक तिहाई कप यानि 10 से 15 (40 ग्राम) बादाम ही खाना फायदेमंद होता है। साथ ही कच्चे या भुने हुए बादाम से ज्यादा कारगर होते हैं भीगे हुए बादाम।

किस तरह से करें सेवन: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार बादाम को भिगाते ही उसमें पाए जाने वाले प्रोटीन का स्तर बढ़ जाता है। बादाम को रात भर भिगोकर खाना चाहिए, इससे उसमें मौजूद गर्म तत्व काफी हद तक खत्म हो जाते हैं। साथ ही, भिगोए बादाम में पोषक तत्व भी सूखे बादाम की तुलना में ज्यादा होते हैं।

मोटापा बढ़ना: बादाम में मौजूद फैट और कैलरी की शरीर में अधिकता होने से आप मोटापा के शिकार हो सकते हैं। अगर आप फिजिकल एक्टिविटीज से दूर रहते हैं तो कैलरीज आसानी से बर्न नहीं होती जिससे आपके शरीर में फैट जमा होने लगता है। ऐसे में ज्यादा बादाम खाना नुकसानदेह तो होगा ही, साथ ही इससे आपका वजन भी बढ़ेगा।

गंभीर समस्याएं हो सकती हैं: बादाम को अधिक मात्रा में सेवन करने से कब्ज, पेट फूलना और लूज मोशन की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, बादाम में मिलने वाले एक प्रोटीन से मुंह, गले और कंठ में  खुजली होने के साथ ही जीभ, मुंह और होंठ में सूजन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। वहीं, ज्यादा बादाम खाने से शरीर में मैग्नीज की मात्रा भी बढ़ जाती है जिससे ब्लड प्रेशर और एंटीबायोटिक्स की दवाइयों का असर भी कम होता है।