डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिनके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ब्लड शुगर की बीमारी पर लगाम लगाना है तो लाइफस्टाइल और खान-पान में बदलाव करें। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए डाइट पर कंट्रोल करना,बॉडी को एक्टिव रखना और तनाव से दूर रहना जरूरी है। हाल ही में एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि तनाव ही लोगों को टाइप-2 डायबिटीज का शिकार बनाता है। यूके के वैज्ञानिकों के एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि डिप्रेशन टाइप- 2 डायबिटीज का कारण हो सकता है।
अगर इसपर कंट्रोल किया जाए तो इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है। द गार्जियन के अनुसार, दुनिया भर में 500 मिलियन से अधिक लोग टाइप 2 डायबिटीज के शिकार है। इस बीमारी के लिए तनाव जिम्मेदार है। रिसर्च के मुताबिक डायबिटीज की बीमारी के लिए मोटापा,निष्क्रिय जीवन शैली,फैमिली हिस्ट्री बेहद मायने रखती है।
कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल, मुंबई के सलाहकार, मनोचिकित्सक डॉ शौनक अजिंक्य के अनुसार, अवसाद और टाइप 2 डायबिटीज में गहरा संबंध है। दोनों बीमारियां एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। जो लोग तनाव में ज्यादा रहते हैं उन्हें टाइप 2 डायबिटीज होने का जोखिम ज्यादा होता है। आइए जानते हैं डिप्रेशन और डायबिटीज के बीच कैसा कनेक्शन है।
अवसाद और टाइप 2 डायबिटीज के बीच क्या संबंध है?
अवसाद टाइप 2 डायबिटीज के लिए एक जोखिम कारक हो सकता है क्योंकि तनाव जिंदगी पर कई तरह से असर डालता है। सिग्नस के जनरल फिजिशियन डॉ. संजय सिंह ने बताया कि टाइप-2 डायबिटीज के लिए और भी कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। सिग्नस के जनरल फिजिशियन डॉ. संजय सिंह ने बताया कि लगातार तनाव और अवसाद के कारण इंसान ओवर इटिंग कर सकता है। शारीरिक निष्क्रियता और खराब नींद जैसी आदतें ना सिर्फ मोटापा को बढ़ाती हैं बल्कि इंसुलिन प्रतिरोध में भी योगदान कर सकती हैं।
डिप्रेशन को कैसे कंट्रोल करें ताकि टाइप-2 डायबिटीज से बचाव हो सके
- अवसाद को कंट्रोल करने के लिए किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ या चिकित्सक को दिखाएं। जरूरत पड़ने पर संज्ञानात्मक-व्यवहार थेरेपी (cognitive-behavioral therapy)की मदद लें। ये थेरेपी डिप्रेशन से बाहर आने में आपकी मदद कर सकती है।
- ज्यादा वक्त दोस्तों और परिवार के साथ गुज़ारें। अपनी भावनाओं और अनुभवों को उन लोगों के साथ शेयर करें जिन्हें आप अपना समझते हैं। इस तरीके को अपनाकर डिप्रेशन को कंट्रोल किया जा सकता है।
- लाइफस्टाइल में बदलाव करें। इंसुलिन संवेदनशीलता और समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए रोज़ाना एक्सरसाइज करें,बैलेंस डाइट लें और वजन को कम करें। शराब और कुछ पदार्थों का सेवन डिप्रेशन को और भी ज्यादा बढ़ा सकता है जिससे डायबिटीज का जोखिम बढ़ सकता है। शराब का सेवन करने से परहेज करें।
- पर्याप्त नींद लें तनाव कम होगा। हर रात 7 से 9 घंटे की नींद जरूर लें। कम नींद से डिप्रेशन के लक्षण बिगड़ सकते हैं और डायबिटीज होने का खतरा बढ़ सकता है।
- तनाव को मैनेज करें। तनाव के स्तर को कम करने के लिए योगा और मेडिटेशन करें। योग या ध्यान का अभ्यास तनाव को दूर करने में बेहद मदद करता है।