कोरोना वायरस के केस भारत में बहुच तेजी से बढ़ रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, देश में अब तक 4218 कोरोना वायरस केस की पुष्टि हो गई है, जिनमें मरने वालों की संख्या 124 तक पहुंच गई है। ऐसे में लोगों के मन में कोरोना का तहशत बढ़ता जा रहा है। कोरोना से बचाव के लिए डॉक्टर और विशेषज्ञ कई तरह से सुझाव दे रहे हैं। लेकिन इस वक्त सर्दी-जुकाम होते ही लोगों के मन में यह बात आने लगता है कि क्या मुझे कोरोना तो नहीं हो गया है। हालांकि कोरोना वायरस के लक्षण आम सर्दी-जुकाम से इतने मिलते-जुलते हैं कि दोनों में फर्क करना मुश्किल है। आइए जानते हैं फ्लू, सर्दी-जुकाम और कोरोना के बीच क्या अंतर है-
कोरोना के खास लक्षण: WHO ने कोरोना के जिन लक्षणों के बारे में बताया था वह आम सर्दी-जुकाम से मिलते-जुलते हैं। कोरोना से संक्रमित होने के बाद तेज बुखार होने लगता है, साथ ही सूखी खांसी और जुकाम की समस्या भी हो जाती है। इसके अलावा मांसपेशियों में दर्द और थकावट भी महसूस होने लगती है।
हालांकि नॉर्मल सर्दी-जुकाम सप्ताह भर में ठीक हो जाते हैं, वहीं कोरोना वायरस के लक्षण 2 से 10 दिनों के बीच में दिखने शुरू होते हैं। इस वायरस के लक्षण देरी से दिखते हैं जिसके कारण लोग बाहर से बीमार नहीं दिखते हैं। इस वजह से यह शरीर में आसानी से फैल जाता है।
फ्लू के लक्षण: सामान्य फ्लू की शुरुआत बहती नाक से होती है, जिसके बाद सर्दी-खांसी और बुखार होने लगता है। लेकिन डॉक्टरों के अनुसार, कोरोना वायरस से संक्रमित बहुत कम मरीजों को खांसी के साथ बहती नाक की शिकायत थी। इसका मतलब यह है कि कोरोना वायरस में नाक नहीं बहती है।
कोरोना वायरस में क्या दिक्कतें आती हैं: कोरोना वायरस से संक्रमित इंसान को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। इसके अलावा शरीर के कई अंग एकसाथ काम करना बंद कर देते हैं। कोरोना में सामान्य सर्दी-जुकाम या मौसमी फ्लू जैसी समस्या का सामना नहीं करन पड़ता है।
कोरोना का इलाज क्या है: कोरोना वायरस का अब तक कोई टीका, दवा या फिर इलाज नहीं है। जबकि सामान्य या मौसमी सर्दी- जुकाम या फ्लू का इलाज है और दवाई भी है।
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