रसोई में इस्तेमाल होने वाला छोटा सा काला दाना कालौंजी (Black Seed) आयुर्वेद में सदियों से खास जगह रखता है। भले ही यह देखने में बहुत मामूली लगे, लेकिन इसके अंदर छुपे औषधीय गुण इसे सुपरफूड बना देते हैं। हेल्थलाइन के मुताबिक, कालौंजी में मौजूद बायोएक्टिव कंपाउंड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को कई गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं। हेल्थलाइन के अनुसार, कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल से लेकर इम्युनिटी बढ़ाने और सूजन कम करने तक, इसके फायदे कई हैं। तो चलिए जानते हैं कि कालौंजी खाने से क्या-क्या स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं?
इम्युनिटी मजबूत करने और बैक्टीरिया से लड़ने में असरदार
कालौंजी में पाए जाने वाले तत्वों में एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। कुछ वैज्ञानिक अध्ययनों में यह भी सामने आया है कि कालौंजी ऐसे बैक्टीरिया के खिलाफ भी असर दिखाती है, जो आम दवाओं से ठीक नहीं होते। हेल्थलाइन के अनुसार सही मात्रा में सेवन करने पर यह संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकती है और शरीर की इम्यून डिफेंस को मजबूत बना सकती है।
एंटीऑक्सीडेंट्स का पावरहाउस है कालौंजी
हेल्थलाइन के अनुसार, कालौंजी में थाइमोक्विनोन, कार्वाक्रोल, टी-एनेथोल और 4-टर्पिनिओल जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। ये तत्व शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स को खत्म करने में मदद करते हैं। फ्री रेडिकल्स कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और लंबे समय में कैंसर, हार्ट डिजीज और एजिंग जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। कालौंजी इनसे होने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में सहायक है।
कैंसर
लैब स्टडीज़ में कालौंजी के कुछ कंपाउंड्स ने कैंसर सेल्स की ग्रोथ को रोकने और कुछ मामलों में उन्हें खत्म करने के संकेत दिए हैं। इसके एंटीऑक्सीडेंट और बायोएक्टिव तत्व कैंसर सेल्स के फैलाव (मेटास्टेसिस) को धीमा कर सकते हैं। यही वजह है कि वैज्ञानिक इसे भविष्य में कैंसर प्रिवेंशन में सहायक मान रहे हैं।
कोलेस्ट्रॉल
अगर आप बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल से परेशान हैं, तो कालौंजी आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। हेल्थलाइन के अनुसार, नियमित सेवन से टोटल कोलेस्ट्रॉल, LDL यानी खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद मिल सकती है। इससे दिल की बीमारियों का खतरा घटता है और हार्ट हेल्थ बेहतर होती है।
सूजन कम करने में भी मददगार
शरीर में लंबे समय तक बनी रहने वाली सूजन कई बीमारियों की जड़ होती है, जैसे डायबिटीज, हार्ट डिजीज और आर्थराइटिस। कालौंजी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। नियमित और सीमित मात्रा में सेवन करने से शरीर के अंदर चल रही सूजन की प्रक्रिया को कंट्रोल किया जा सकता है।
मेटाबॉलिज्म और ब्लड शुगर के लिए भी फायदेमंद
कालौंजी सिर्फ कोलेस्ट्रॉल ही नहीं, बल्कि ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखने में भी मदद कर सकती है। कुछ शोध के अनुसार यह लिवर हेल्थ को सपोर्ट करती है और मेटाबॉलिक बैलेंस बनाए रखने में सहायक होती है। डायबिटीज और फैटी लिवर जैसी समस्याओं में यह एक सपोर्टिव फूड की तरह काम कर सकती है।
कैसे करें कालौंजी का सेवन?
कालौंजी को आप सब्जी, दाल, सलाद या आटे में मिलाकर खा सकते हैं। कुछ लोग सुबह खाली पेट इसके दानों को चबाकर या इसके तेल का सेवन भी करते हैं। हालांकि किसी भी चीज की तरह इसका सेवन भी सीमित मात्रा में और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से करना बेहतर होता है।
निष्कर्ष
कालौंजी भले ही आकार में छोटी हो, लेकिन इसके फायदे बेहद बड़े हैं। इम्युनिटी बढ़ाने से लेकर दिल, मेटाबॉलिज्म और सूजन कंट्रोल तक यह शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचा सकती है। हालांकि यह किसी बीमारी का इलाज नहीं है, लेकिन सही डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ इसे शामिल करना सेहत के लिए फायदेमंद साबत हो सकता है।
डिस्क्लेमर
यह स्टोरी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार की गई है। किसी भी तरह के स्वास्थ्य संबंधी बदलाव या डाइट में परिवर्तन करने से पहले अपने डॉक्टर या योग्य हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
