दिल्ली की आबकारी नीति (Delhi government’s liquor policy) में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह को 4 अक्‍तूबर, 2023 को गिरफ्तार कर लिया गया। इससे एक द‍िन पहले ही कोर्ट ने मामले से जुड़े दो आरोप‍ियों को सरकारी गवाह बनाने की मंजूरी दी थी।

वे दो आरोपी, जो सरकारी गवाह बन गए?

संजय सिंह की गिरफ्तारी से ठीक एक दिन पहले दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस के दो आरोपी राघव मगुंटा और दिनेश अरोड़ा सरकारी गवाह बन गए। अदालत ने रेड्डी और अरोड़ा को इस शर्त पर माफ कर दिया कि वे अपराध की परिस्थितियों का पूरा और सच्चा खुलासा करेंगे। अदालत ने उन्हें जांच में सहयोग करने का भी निर्देश दिया। दोनों सरकारी गवाहों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

पहले राघव मगुंटा का राजनीतिक कनेक्शन समझ लेते हैं। राघव मगुंटा आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे हैं। राघव मगुंटा को पिछले माह (स‍ितंबर) ही दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत मिली थी। ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय ने राघव मगुंटा की जमानत याचिका का विरोध नहीं किया था। ईडी ने कोर्ट में कहा था कि राघव मंगुटा जांच में सहयोग कर रहे हैं, इसलिए उन्हें जमानत दी जा सकती है।

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और भाजपा की नजदीकी

युवजन श्रमिक रायथू (वाईएसआर) कांग्रेस पार्टी का गठन साल 2010 में कांग्रेस पार्टी से निकले नेताओं ने ही की थी। वर्तमान में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी आंध्र प्रदेश में सत्ता में है। पार्टी के मुखिया जगनमोहन रेड्डी राज्य के मुख्यमंत्री हैं। भाजपा और वाईएसआर के बीच अब तक भले ही आधिकारिक गठबंधन न हुआ हो, लेकिन जगनमोहन रेड्डी कई मौकों पर केंद्र सरकार की नीतियों का खुला समर्थन करते रहे हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की वरिष्ठ पत्रकार लिज मैथ्यू ने अपने आर्टिकल में सूत्रों के हवाले से बताया था कि भाजपा आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के साथ मधुर संबंध रखना चाहती है। राज्य में लोकसभा की 25 सीटें हैं। 2019 के चुनाव में जगनमोहन की पार्टी ने 22 सीटों पर जीत हासिल की थी। राज्य में पार्टी का अच्छा दबदबा है।

लिज मैथ्यू को एक भाजपा नेता ने बताया था, “साउथ में भाजपा की प्राथमिकता कांग्रेस को रोकना है। पार्टी यह सुनिश्चित करना करना चाहती है कि कांग्रेस कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में अपनी ताकत न बढ़ा पाए। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी इस काम को ज्यादा अच्छे से कर सकती है।”

बता दें कि जगनमोहन रेड्डी की पार्टी ने कांग्रेस द्वारा मानसून सत्र में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का विरोध किया था। इसके अलावा वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) अधिनियम पर भी सरकार के पक्ष में मतदान किया।

राघव मगुंटा का मामले से क्‍या है कनेक्‍शन?

ईडी ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में फरवरी 2023 में राघव को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि शराब खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं और निर्माताओं का ‘साउथ ग्रुप’ नामक एक कार्टेल था। इसे दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति (अब समाप्त हो चुकी) का फायदा उठाने के ल‍िए बनाया गया था। सांसद पिता और पुत्र की जोड़ी इस कार्टेल का हिस्सा थी। ईडी ने सांसद के परिसरों की तलाशी भी ली थी।

ईडी ने दावा किया था, “दिल्ली शराब घोटाले की दो मुख्य धुरी है। एक तरफ विजय नायर (इसी मामले में एक आरोपी) के जरिए आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा रची गई साजिश पर टिकी है। वहीं दूसरी ओर साउथ ग्रुप है, जिसमें राघव मगुंटा, मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी, शरथ रेड्डी और के. कविता (तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी और BRS नेता) शामिल थे।” ईडी ने आरोप लगाया था कि राघव कम से कम 180 करोड़ रुपये के हेरफेर में शामिल हैं।

गिरफ्तारी से कई महीने पहले मामले की शुरुआती जांच में राघव का नाम सामने आया था। हालांकि, उनके पिता ने उनकी संलिप्तता से इनकार किया था। मगुंटा परिवार कई दशकों से शराब के कारोबार में है। वे यूबी ग्रुप (United Breweries Group) के दक्षिण भारत के वितरक रहे हैं।

ईडी के अनुसार दिल्ली के दो जोन में शराब बेचने का कंट्रोल अरबिंदो फार्मा समूह की कंपनी ट्राइडेंट चेम्फर लिमिटेड के पास था। इसके अलावा दो जोन अवंतिका कॉन्ट्रैक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और एक जोन ऑर्गनोमिक्स इकोसिस्टम द्वारा नियंत्रित किया गया था। इन सभी कंपनियों को शरत रेड्डी कंट्रोल करते हैं। ईडी ने आरोप लगाया कि “शरत रेड्डी पेनाका ‘साउथ ग्रुप’ के एक प्रमुख भागीदार है।”

साउथ ग्रुप के अन्य साझेदारों के रूप में मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी, राघव मगुंटा और के कविता का नाम लिया गया। ईडी ने आरोप पत्र में बताया कि “साउथ ग्रप ने विजय नायर के माध्यम से आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी।”

कौन है दिनेश अरोड़ा?

दिनेश अरोड़ा दिल्ली के एक प्रमुख व्यवसायी हैं। उनका मेन बिजनेस रेस्तरां का है। उनके इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वह 2009 से इस उद्योग से जुड़े। तब उन्होंने दिल्‍ली में अपना पहला कैफे हौज खास में खोला था। वह चीका दिल्ली, अनप्लग्ड कोर्टयार्ड और ला रोका एयरोसिटी जैसे प्रसिद्ध प्रतिष्ठानों में प्रबंध निदेशक के पद पर हैं।

सीबीआई के अनुसार, दिनेश अरोड़ा राधा इंडस्ट्रीज के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं और नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) के सदस्य भी हैं। जुलाई 2018 में अरोड़ा ने ईस्टमैन कलर रेस्तरां प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की थी। एनआरएआई की वेबसाइट के अनुसार, दिनेश अरोड़ा के रेस्तरां दिल्ली के सभी प्रमुख बाजारों में फैले हुए हैं।

दिनेश अरोड़ा कथित तौर पर आप नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के करीबी सहयोगी थे, जो आबकारी नीति मामले में भी आरोपी हैं। अरोड़ा को आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह का भी करीबी माना जाता है।

ईडी ने एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट में सिसोदिया पर दिनेश अरोड़ा के माध्यम से मामले में आरोपी एक अन्य व्यवसायी अमित अरोड़ा से रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। एजेंसी ने रिश्वत की इस रकम को “अपराध की कमाई” बताया है।

ईडी को दिए अपने बयान में अरोड़ा ने दावा किया कि उन्होंने संजय सिंह के अनुरोध के बाद दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले AAP के लिए 82 लाख रुपये की व्यवस्था की। अरोड़ा ने यह भी दावा किया है कि संजय सिंह ने अपने रेस्तरां में एक पार्टी के दौरान उन्हें दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मिलवाया था। उन्होंने अधिकारियों को यह भी बताया कि वह सिसोदिया से पांच-छह बार मिल चुके हैं और वह एक बार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मिल चुके हैं।

ईडी ने मई में दायर अपनी प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट में कहा, “अमित अरोड़ा ने आबकारी नीति 2021-22 में अपने पक्ष में बदलाव कराने के लिए दिनेश अरोड़ा के माध्यम से मनीष सिसोदिया को 2.2 करोड़ रुपये का भुगतान किया। यह सीधे तौर पर सरकारी अमले को रिश्वत देना है और पीएमएलए, 2002 की धारा 2(1)(यू) के तहत अपराध है।”

शरत रेड्डी भी बन चुके हैं सरकारी गवाह

जून में हैदराबाद के व्यवसायी शरत रेड्डी भी सरकारी गवाह बन गए थे। रेड्डी पर पर हैदराबाद स्थित “साउथ ग्रुप” द्वारा नियंत्रित कार्टेल के पक्ष में 2021-22 की दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति में हेराफेरी कराने का आरोप था। अरबिंदो फार्मा के निदेशक रेड्डी ने पिछले महीने दिल्ली की एक विशेष अदालत में सरकारी गवाह बनने की मांग की थी और कहा था कि वह मामले में कथित रिश्वत के आयोजन और प्रबंधन के बारे में “स्वेच्छा से सच्चा खुलासा करने के लिए तैयार हैं।”

संजय सिंह का नाम कैसे आया?

इस मामले से संजय सिंह का नाम पिछले साल जनवरी में तब जुड़ा था, जब ईडी ने कथित शराब घोटाला मामले में पूरक चार्जशीट दायर की थी। इसमें संजय सिंह का नाम चार बार आया था। इस पर संजय स‍िंंह ने मई में ईडी को नोट‍िस भेजा था और कहा था क‍ि उनका नाम बेवजह घसीटा जा रहा है। इसके जवाब में ईडी ने कहा था क‍ि चार में से केवल एक जगह उनका नाम गलती से आया है।

इस मामले से आप नेता संजय सिंह का नाम एक रेस्त्रां व्यापारी दिनेश अरोड़ा के बयान के बाद जुड़ा था। दिनेश अरोड़ा इस मामले में खुद एक आरोपी हैं। उन्होंने ईडी को बताया कि वह सबसे पहले संजय सिंह से ही मिले थे। उन्होंने संजय सिंह के अनुरोध पर कई रेस्त्रां मालिकों से संपर्क किया और पार्टी (AAP) के लिए 82 लाख रुपये जुटाए।

अरोड़ा के मुताबिक, उन्होंने रकम की चेक मनीष सिसोदिया को दी थी। उनकी और सिसोदिया की पांच-छह बार मुलाकात हुई थी। एजेंसी के मुताबिक, अरोड़ा ने यह भी दावा किया क‍ि वह संजय सिंह के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मिले थे।