दिल्ली की आबकारी नीति (Delhi Government Liquor Policy) में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) दो नवंबर को अरविंद केजरीवाल से पूछताछ करने वाली थी। लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ED के सामने पेश नहीं हुए। उन्होंने ED के समन को अवैध और राजनीति से प्रेरित बताया है।

पिछले साल जनवरी में दिल्ली की एक अदालत में दायर अपनी प्रारंभिक शिकायत (एक तरह का चार्जशीट) में एजेंसी ने कहा था कि केजरीवाल ने कथित तौर पर मुख्य आरोपियों में से एक समीर महेंद्रू के साथ एक वीडियो कॉल पर बात की थी और उनसे विजय नायर के साथ काम जारी रखने को कहा था। आम आदमी पार्टी के संचार प्रभारी विजय नायर खुद इस मामले में आरोपी हैं। एजेंसी के मुताबिक, केजरीवाल ने वीडियो कॉल पर विजय नायर को ‘अपना आदमी’ बताया था।

इससे पहले इसी वर्ष अप्रैल में केजरीवाल से सीबीआई ने उत्पाद शुल्क नीति मामले में पूछताछ की थी। नौ घंटे तक पूछताछ के बाद केजरीवाल ने कहा था कि उनसे 56 सवाल पूछे गए, जिनमें से ज्यादातर इस बात पर केंद्रित थे कि नीति क्यों लाई गई और यह कब तैयार की गई थी।

अब केजरीवाल से एक बार फिर पूछताछ के घेरे में हैं और इस वजह से समीर महेंद्रू भी चर्चा में है। आइए जानते हैं शराब कारोबारी समीर महेंद्रू के बारे में:

कौन है समीर महेंद्रू?

समीर महेंद्रू देश का जाना माना शराब कारोबारी है। वर्तमान में वह इंडोस्पिरिट ग्रुप (Indospirit Group) का मैनेजिंग डायरेक्टर है। इस कंपनी की साल 2006 में महेंद्रू ने ही शुरू किया था। कंपनी का हेडक्वाटर दिल्ली में है। इंडोस्पिरिट को भारत में शराब और पेय पदार्थों का प्रमुख आयातक और वितरक के रूप में जाना जाता है। यानी समीर महेंद्रूर की कंपनी बाहर से शराब लाती है और देश में बेचती है।

IIM से की है पढ़ाई?

समीर महेंद्रू ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, बेंगलुरु (IIM Bangalore) से पढ़ाई की है। लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, वह 2002-2004 बैच में था। कॉलेज में वह स्टूडेंट काउंसिल का प्रेसिडेंट भी रहा था।

IIM जाने से पहले ही समीर महेंद्रू ने अपने करियर की शुरुआत कर दी थी। उसने 1999 से 2002 के बीच, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड में बतौर सेल्स एग्जीक्यूटिव काम किया था। इसके बाद वह एशियन पेंट्स का एरिया सेल्स मैनेजर भी रहा। पेशवर जिंदगी में शराब और समीर का ताल्लुक दिसंबर 2004 में हुआ, जब वह SABMiller (शराब बनाने वाली एक विदेशी कंपनी) का सेल्स मैनेजर बना।

Sameer
(PC- Sameer Mahandru/Facebook)

पहले भी विवादों से रहा है नाता

समीर महेंद्रू का पहले भी केंद्रीय जांच एजेंसी CBI से पाला पर चुका है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2013 में समीर महेंद्रू की गवाही की वजह से दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन (DSIIDC) के दो अधिकारियों की गिरफ्तारी हुई थी।

दरअसल, DSIIDC के दो अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप था। जांच के दौरान महेंद्रू ने गवाही दी कि वे उनसे काम के बदले हर महीने महंगी शराब लेते थे। महेंद्रू की गवाही के बाद कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को दोषी माना।

दिल्ली की आबकारी नीति मामले में गिरफ्तारी

दिल्ली की आबकारी नीति मामले में ईडी ने सितंबर 2022 में समीर महेंद्रू को गिरफ्तार किया था। तब जांच एजेंसी ने महेंद्रू को इस मामले में मुख्य आरोपियों में से एक माना था। महेंद्रू पर आरोप है कि उसने कथित तौर पर दो भुगतान किए, पहला सिसोदिया के करीबी सहयोगी दिनेश अरोड़ा को एक करोड़ रुपये दिए। दूसरा गुरुग्राम स्थित कथित बिचौलिए अर्जुन पांडे को लगभग 2 से 4 करोड़ रुपये दिए। एजेंसी का दावा है कि पांडे ने विजय नायर के कहने पर रुपयों की वसूली की थी।

एक करोड़ डॉलर की कंपनी बनाने वाले कॉलेज ड्रॉपआउट विजय नायर की कहानी क्या है?

विजय नायर के कॉन्सर्ट मैनेजर से अरविंद केजरीवाल का ‘अपना आदमी’ बनने तक की कहानी दिलचस्प है। विजय नायर बहुचर्चित एंटरटेनमेंट और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर (OML) के पूर्व CEO हैं। नायर ने ही कॉलेज छोड़कर साल 2002 में OML की स्थापना की थी। मीटू मूवमेंट के दौरान नायर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था। नायर की पूर्व महिला सहकर्मियों ने आरोप लगाया था कि वह उनसे बाथटब में साथ नहाने और मालिश करने को कहा करता थे।

दिल्ली आबकारी नीति में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी रहे, विजय नायर अब सरकारी गवाह हैं। नायर का कनेक्शन आम आदमी पार्टी से कैसे जुड़ा यह जानने के लिए फोटो पर क्लिक करें और पूरी स्टोरी पढ़ें:

विजय नायर की फाइल फोटो (PC- Prashant Nadkar/The Indian Express-2007)

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