सुशांत सिंह राजपूत केस में हर दिन अलग-अलग तरह की थ्योरी और बातें सामने आ रहीं हैं। मीडिया में भी यह मामला लगातार सुर्खियों में है। वरिष्ठ पत्रकार अर्णब गोस्वामी (Arnab Goswami) इस मामले पर लगातार हमलावर हैं। इसी बीच उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और संजय राउत को वन टू वन इंटरव्यू की चुनौती दी है।
रिपब्लिक टीवी पर अपने कार्यक्रम में अर्णब गोस्वामी कहते हैं ‘इस प्रोग्राम पर मैं आज घोषणा करता हूं दोस्तों…मैं उद्धव ठाकरे, संजय राउत और अनिल देशमुख को आमंत्रित करता हूं। वन टू वन बात हो मेरे साथ। मैं इंटरव्यू करूंगा उनका। उन्होंने आगे कहा ‘संजय राउत जी हिम्मत है तो आओ आगे, इंटरव्यू होगा मेरा और आपका…है हिम्मत?।’
रिपब्लिक भारत पर अपने कार्यक्रम ‘पूछता है भारत’ में अर्णब गोस्वामी (Arnab Goswami) कहते हैं ‘सुशांत सिंह राजपूत के परिवार को जो लोग धमकी दे रहे थे अब वे सुशांत के परिवार के साथ खड़े हर हिंदुस्तानी को धमकी दे रहे हैं। धमकी दी जा रही है कि मुंबई में आओगे तो देख लेंगे। क्या देखोगे संजय राउत?
धमकी दी जा रही है कि मुंबई पुलिस पर सवाल उठाओगे तो मुंबई में घुसने नहीं देंगे। मैं तो कब से सवाल उठा रहा हूं, क्या कर लोगे? मुंबई में रहता हूं, मुंबई में घुसकर मुंबई पुलिस से सवाल उठाता हूं। अरे संजय राउत जी अपनी बात बोलो, अपने लिए कहो। कौन हो तुम संजय राउत? मुंबई तुम्हारी है क्या?
गोस्वामी ने आगे कहा ‘मुंबई मेरी कर्म भूमि है सुन लो संजय राउत। बेकार की बात करते हो… मुंबई पुलिस कमिश्नर का तो पूरा देश इस्तीफा मांग रहा है, तुम क्यों तरफदारी करते हो संजय राउत? गोस्वामी आगे कहते हैं कि सुशांत केस में महाराष्ट्र सरकार कोई पार्टी नहीं है फिर अनिल देशमुख इतना भड़के हुए क्यों हैं, शर्म नहीं आती? कंगना रनौत को आने नहीं दूंगा…कंगना रनौत को आने नहीं दूंगा…अरे जागीरदार हो तुम मुंबई के क्या? आज सत्ता में हो कल जाओगे, आज गृह मंत्री हो कल अपोजिशन में रहोगे। कौन हो तुम?
अर्णब गोस्वामी (Arnab Goswami) ने आगे कहा दिशा सालियान केस की भी सीबीआई जांच शुरू हो गई है, इसीलिए बॉलीवुड माफिया को बचाने वालों की घबराहट बढ़ गई है। जो लोग हमें धमकी से डराना चाह रहे हैं वे याद कर लें, सवाल पूछने का अधिकार हमें इस देश की मिट्टी, इस देश के संविधान ने दिया है। आप तो कल राजनीति में भी नहीं थे उद्धव ठाकरे तब भी हमारा यही हौसला था…यही अधिकार था।

