कांग्रेस के साथ कई दौर की बातचीत के बावजूद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पार्टी में शामिल होने से इनकार कर दिया है। उन्होंने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि कांग्रेस को मुझसे ज्यादा एक अच्छे नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। प्रशांत किशोर के इस फैसले और ट्वीट पर फिल्ममेकर अशोक पंडित ने कांग्रेस पर तंज कसा है।

अशोक पंडित ने ट्विटर पर लिखा कि “आदरणीय प्रशांत किशोर जी, आपको यह गलतफहमी कैसे हो गयी थी कि आपको गांधी परिवार गोद ले लेगा? बड़े-बड़े तुर्रम खां का भ्रम टूटने के बाद भी आपको इतनी सी बात समझ में नहीं आयी? कैसे स्ट्रैटेजिस्ट है आप?” वहीं पत्रकार दिलीप मंडल ने लिखा कि “बड़े नीच बिजनेसमैन हैं आप। डील नहीं हुई तो क्लाइंट को ही पब्लिकली कोसने लगे। आपसे बात करना भी नुकसानदायक है। अरे, नहीं पटा सौदा तो आगे बढ़िए। किसी और के पास जाइए। वहां आइडिया बेचिए।”

उमकेश्वर सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘राजनीति इसी के लिए जानी जाती है यूज एंड थ्रो, चाहे बीजेपी हो, कांग्रेस या चाहे कोई और राजनैतिक दल हो। जैसे प्रशांत किशोर का गुण बीजेपी ने हासिल किया तो दूध की मख्खी की तरह बाहर, यही हाल नीतीश कुमार ने किया। कांग्रेस इनके 600 पेज का प्रजन्टेशन लिया और बाहर का रास्ता दिखा दिया।’ अनूप कुमार ने लिखा कि ‘एक परिवार को तो समझा नहीं पाए और चले हैं पूरे देश को समझाने।’

सुकुमार नाम के यूजर ने लिखा कि ‘जब किसी मानव में अहम भर जाता है तो उसे कुछ भी नहीं दिखता है। हेमतं विस्वा शर्मा ने पार्टी क्यों छोड़ी, सुन लेते। अभी हार्दिक पटेल ने क्या कहा, उसे सुन लेते तो शायद भ्रम दूर हो जाता। वर्तमान कांग्रेस की दशा देख कर लगता है कि 10 प्रशांत किशोर भी पार्टी को नहीं बचा सकते।’ अतुल सक्सेना नाम के यूजर ने लिखा कि ‘वैसे अभी तक किसी को ये समझ आया कि कांग्रेस और पी.के., कौन-सा खेल, खेल रहे थे?’

मोहम्मद राशिद नाम के यूजर ने लिखा कि ‘कांग्रेस पार्टी को व्यापारिक रणनीतिकारों से बचना चाहिए।अपने बूथों को अपने जमीनी कार्यकर्ताओं के द्वारा मजबूत करिये। जितना पैसा व्यापारिक रणनीतिकारों पर खर्च करेंगे उतना पैसा अपने कार्यकर्ताओं पर खर्च करिये तो पार्टी में जान आ जायेगी।’ राजेंद्र नाम के यूजर ने लिखा कि ‘मरा हुआ सांप कौन गले में टांगता है, सब को पता है कि इस पार्टी का कुछ होना-जाना नहीं है जब तक यह परिवार काबिज है।’

आदित्य नाम के यूजर ने लिखा कि ‘प्रशांत किशोर पांडे आरएसएस के कठपुतली हैं और उनका एकमात्र एजेंडा कांग्रेस को सत्ता से बाहर रखना है।’ आकाश आनंद नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अब तो साफ हो गया कि प्रशांत किशोर भी कांग्रेस की डूबती नैया को बचा नहीं सकता।’ विष्णु नाम के यूजर ने लिखा कि ‘इसका मतलब यह हुआ कि प्रशांत किशोर ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो अपनी रणनीति और समझदारी से किसी भी पार्टी को चुनाव जिता सकते हैं, वे केवल एक सफल मूल्यांकनकर्ता हैं जो केवल उस पार्टी को जिताना चाहते हैं, जिसके जीतने की प्रबल संभावना है।’