प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के बीच बीते दिन राष्ट्र के नाम संबोधन किया। उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कोविड-19 टीकाकरण योजना को लेकर बातचीत की, साथ ही इस बात की भी घोषणा की कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को फ्री वैक्सीन दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने आने वाले दिनों में वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ने का भी आश्वासन दिया। पीएम नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन को लेकर अब मशहूर पत्रकार रवीश कुमार ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि उनका संदेश भले ही राष्ट्र के नाम पर था, लेकिन वह असल में पीएम के नाम ही था।
रवीश कुमार ने प्राइम टाइम में पीएम नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संदेश पर बात करते हुए कहा, “संदेश भले ही राष्ट्र के नाम पर था, लेकिन असल में वह था पीएम के नाम ही। उनके नाम यह संदेश था कि अपनी नाकामी पर पर्दा डालने के लिए तथ्यों को इधर-उधर कर तर्क करने से भले ही गलतियां छुप जाती हैं, लेकिन ओझल नहीं होतीं।”
रवीश कुमार ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए आगे कहा, “जब-जब पर्दा हटता है, तब-तब गलती दिखाई दे जाती है। राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान भी यही हुआ। कई बार तर्क ऊपर से होता हुआ नीचे जाता है। लेकिन इस मामले में तर्क नीचे से होता हुआ राष्ट्र के नाम हुए संदेश में पहुंचा है। यानी पहले तर्क का ट्रायल कर लिया जाता है और फिर भाषण का डोज दिया जाता है।”
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने बयान में कहा था कि अगर आप बीते 50 से 60 सालों का इतिहास देखते हैं तो आपको पता चलेगा कि भारत को विदेशों से वैक्सीन प्राप्त करने में दशकों लग जाते थे। पोलियो की वैक्सीन हो, चेचक की हो और हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन हो। इन्हें यहां आने में दशकों लग जाते थे। पीएम नरेंद्र मोदी की बात पर भी तंज कसने से रवीश कुमार पीछे नहीं हटे।
रवीश कुमार ने अपने शो में कुछ फेसबुक पेज पर फैले इसी तरह के संदेशों को साझा करते हुए कहा, “आपने देखा कि कैसे इन तर्कों का ट्रायल एक महीने पहले से ही हो रहा था और अंत में यह बूस्टर शॉट का रूप लेता है।” रवीश कुमार ने शो में आगे कहा कि पल्स पोलियो के अभियान में 90 प्रतिशत कवरेज होने पर भी उसे फेल माना जाता था। लेकिन कोरोना में 20 प्रतिशत कवरेज पर ही छाती फुलाई जा रही है।
इसके अलावा रवीश कुमार ने केंद्र सरकार द्वारा टीकाकरण की पूरी जिम्मेदारी उठाने पर भी चर्चा की। उन्होंने सवाल करते हुए कहा, “क्या इस ऐलान के जरिए केंद्र सरकार खुद को सुप्रीम कोर्ट को जवाब देने से पीछे कर रही है?” बता दें कि इससे पहले रवीश कुमार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन पर भी उनके ट्वीट को लेकर तंज कसा था।