अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश-दुनिया से तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं सोशल मीडिया पर सामने आ रही हैं। फिल्म गीतकार जावेद अख्तर ने भी तालिबान पर अपनी भड़ास निकालते हुए एक ट्वीट किया है। साथ ही जावेद अख्तर अपने ट्वीट में पश्चिम के देशों पर भी गरियाते दिख रहे हैं। अफगानिस्तान के हालातों पर बड़े बड़े देशों की चुप्पी पर भड़कते हुए जावेद अख्तर ने कहा है कि पश्चिम के देशों पर लानत है।
जावेद अख्तर ने अपनी पोस्ट में गुस्साते हुए कहा- ‘अमेरिका किस तरह की महाशक्ति है कि वह तालिबान नामक इन बर्बर लोगों को खत्म नहीं कर सका? यह कैसी दुनिया है जिसने अफगानी महिलाओं को इन कट्टरपंथियों की दया के वश में छोड़ दिया है? उन सभी पश्चिमी देशों पर शर्म आती है जो मानवाधिकारों के रक्षक होने का दावा करते हैं।
शबाना आजमी ने भी जावेद अख्तर के इस ट्वीट का समर्थन किया और री-पोस्ट कर अपनी पोस्ट में कहा- ‘इतिहास हमें सिखाता है कि कट्टरपंथियों ने पहले धर्म की आड़ में संस्कृति पर हमला किया। याद है कि #तालिबान ने छठी शताब्दी की बामियान की मूर्तियों को भी नष्ट कर दिया था, ये ह्यूमन क्रूएलिटी का नमूना है।’
What kind of super power US is that it couldn’t eradicate these barbarians called Talibans. What kind of world this world is that has left Afghan women to the lack of mercy of these fanatics.Shame on all those western countries who claim to be the saviours of human rights
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) August 16, 2021
जावेद अख्तर और शबाना आजमी के ट्वीट्स पर ढेरों रिएक्शन सामने आने लगे। नितीश नाम के यूजर बोले- ‘ इस्लामी देशों और अफगानिस्तान के सभी पड़ोसियों को शर्म आनी चाहिए, जो मदद नहीं कर रहे हैं और ऐसा होने दे रहे हैं।’ दीपक तिवारी नाम के यूजर ने कहा- ‘आप ऐसे 56 मुस्लिम देशों को नहीं घसीट सकते, जो कि अफगानिस्तान के मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। यूए क्या कर सकता है।’
History teaches us that fanatics first attack culture under the guise of religion.Remember that #Taliban destroyed the 6th century Bamiyan https://t.co/Ypaz4HS1nv was a sign that human cruelty would follow
— Azmi Shabana (@AzmiShabana) August 17, 2021
रवि शंकर नाम के यूजर बोले- ‘जावेद साहब केवल पश्चिमी देशों को गाली देकर काम चल जाएगा? देश के बुद्धिजीवी मुसलमानों को सड़क पर आने से कौन रोक रहा है? हम भी देखें कितने सेक्युलर मुसलमान तालिबान के खिलाफ सड़क पर उतरते हैं या सिर्फ एक दो ट्वीट कर कोरम पूरा करना चाहते हैं।’
डॉ अरविंद नाम के यूजर बोले- अच्छा होता कि अगर आप बजाए किसी दूसरे देश के बोलने के तालिबान और पाकिस्तान के खिलाफ लिखते। धीरज नाम के यूजर बोले- ‘जब यही तालिबान बामियान में “भगवान बुद्ध” की मूर्ति तोड़ रहे थे, तब आप कहां थे? जब ये barbarians, हिन्दुओं की हत्या और बलात्कार कर रहे थे, तब आप कहां थे.. और आज जागे भी तो पीड़ित का “मजहब” देखकर ! मासूमियत भी ऐसी कि पूरी “दुनिया” को दोश दे डाला, पर उस कट्टर “विचारधारा” को नहीं।’
अरविंद सिंह कपूर नाम के यूजर ने कहा- ‘जावेद जी आपको तो खुश होना चाहिए कि काफिर अफगानिस्तान से चले गए। अफगानिस्तान अब इमरेट बन गया है, जहां शरिया का कानून होगा। आप खुश क्यों नहीं? इसका खुलासा करें।’

