Uttarakhand Assembly Election 2022: उत्तराखंड में सत्ता से बाहर चल रही कांग्रेस पार्टी अपनी सरकार बनाने के लिए अब ब्राह्मण कार्ड का सहारा ले रही है। पार्टी ने कहा है कि वह सत्ता में आई तो एक कमिशन बनाएगी। उत्तराखंड में कांग्रेस के चुनाव अभियान प्रमुख हरीश रावत ने कहा है कि मार्च में राज्य में पार्टी के सत्ता में आने पर ब्राह्मणों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए एक आयोग का गठन किया जाएगा। यहां 14 फरवरी को मतदान होना है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने बुधवार को देहरादून में संवाददाताओं से कहा, “अगर सत्ता में आए तो हम ब्राह्मणों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का अध्ययन करने और निष्कर्षों के आधार पर कल्याणकारी योजनाएं शुरू करने के लिए एक आयोग का गठन करेंगे।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पहले तीर्थ पुरोहितों (महत्वपूर्ण मंदिरों के पुजारी) के लिए 500 रुपए की पेंशन योजना शुरू की थी, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे बंद कर दिया।

कांग्रेस के दिग्गज नेता ने कहा, “हम राज्य के सभी धार्मिक केंद्रों पर भगवान परशुराम की मूर्तियां भी स्थापित करेंगे।” भगवान परशुराम एक ब्राह्मण देवता हैं। पार्टी के इस वादे की सराहना करते हुए, राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा के अध्यक्ष भृगुवंशी पंडित आशुतोष पांडे ने कहा, “हमने अब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन करने का फैसला किया है। अगर जरूरत पड़ी तो हम भाजपा को बेनकाब करने के लिए जुलूस भी निकालेंगे, जो ब्राह्मणों की मदद से जीती थी लेकिन उन्हें बीच में ही छोड़ दिया था। ब्राह्मण राज्य की आबादी का लगभग 10 प्रतिशत बनाते हैं।”

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम बोर्ड का गठन कर तीर्थ पुरोहितों के अधिकार छीनने का प्रयास किया। हालांकि लोगों के दबाव में इसे वापस ले लिया गया, लेकिन बीजेपी की मंशा साफ हो गई। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों की प्रबंधन समितियों के अधिकारों में कटौती के लिए दो साल पहले गठित बोर्ड को दो महीने पहले भंग कर दिया गया था।

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में बुधवार को ब्रह्मकमल फूल से सजी उत्तराखंड की टोपी पहनकर प्रदेश में 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जनता से भावनात्मक संबंध जोड़ने का प्रयास किया।

मोदी द्वारा पहनी गयी मसूरी के सोहम हिमालयी केंद्र में बनी यह टोपी शहर में दिन भर चर्चा का विषय बनी रही जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा ने इसे राज्य की संस्कृति और परंपरा का सम्मान बताया, वहीं कांग्रेस ने इसे ‘चुनावी नौटंकी’ करार दिया। सोहम हिमालयी केंद्र उत्तराखंड हिमालय की विरासत, संस्कृति और जातीयता को संरक्षित करने और उसे बढ़ावा देने का काम करता है।