उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक बड़ा बयान दिया है। राकेश टिकैत ने एक टीवी चैनल से इंटरव्यू के दौरान कहा कि 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे बीजेपी और आरएसएस द्वारा प्रायोजित किए गए थे। राकेश टिकैत ने आगे कहा कि इसका गवाह सारा देश था। मुजफ्फरनगर दंगों में बीजेपी विधायक सुरेश राणा और संगीत सोम को भी आरोपी बनाया गया था। हालांकि अब सरकार ने इनके ऊपर से केस वापस ले लिया है।
राकेश टिकैत के इस बयान पर पत्रकार ने राकेश टिकैत से पूछा कि अगर आपको पता था कि इतनी बड़ी साजिश हुई थी और दंगों में बीजेपी और आरएसएस का हाथ है तो आप सरकारी गवाह क्यों नहीं बने?
राकेश टिकैत ने इस सवाल के जवाब में कहा कि सारे मुकदमे वापस हो गए। साढ़े 5 हजार मुकदमे उस सरकार ने वापस लिए थे। अगर यह सरकार होती तो आधे लोगों को सजा हो गई होती। पुलिस प्रशासन को सब कुछ पता था। राकेश टिकैत ने आगे कहा कि सरकारी गवाह क्यों बनना, आधा देश इसके बारे में जानता है।
बता दें कि 2013 में मुजफ्फरनगर में दंगे हुए थे जिसमें कई लोगों की मृत्यु भी हुई थी। इन दंगों में सचिन और गौरव नाम के दो ममेरे भाइयों की भी हत्या की गई थी। सचिन और गौरव की हत्या में शामिल 7 दोषियों को सजा भी हो गई है। मुजफ्फरनगर दंगों में राष्ट्रीय लोक दल और भारतीय किसान यूनियन के नेताओं पर भी मुकदमा दर्ज किया गया था और इसमें राकेश टिकैत भी शामिल थे। राकेश टिकैत सहित अन्य नेताओं के खिलाफ धारा 188 के तहत मुकदमा दायर किया गया था जिसमें सरकारी सेवक के आदेश की अवहेलना करने का आरोप लगाया गया था।
मुजफ्फरनगर दंगों के बाद जाट और मुसलमानों के बीच में तनाव पैदा हुआ था जिसका असर 2014, 2017 और 2019 के चुनावों में भी देखा गया। हालांकि किसान आंदोलन के बाद यह तनाव काफी हद तक कम हुआ है लेकिन राजनीति पर इसका क्या असर होगा यह आने वाले 10 मार्च को ही पता चलेगा।
बता दें कि बीजेपी आज भी मुजफ्फरनगर दंगे को मुद्दा बना रही है और योगी आदित्यनाथ पश्चिमी यूपी में लगभग अपनी हर एक सभाओं में सचिन और गौरव नाम के मृत युवकों का नाम ले रहे हैं। योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि, “जब मुजफ्फरनगर में दंगा हुआ था तब सचिन और गौरव नाम के दो जाट युवाओं की हत्या कर दी गई थी। उस समय सपा सरकार यहां पर थी और सरकार ने दंगाइयों को सम्मानित भी किया था।”