उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का प्रचार जोर शोर से चल रहा है और राजनीतिक दल प्रचार अभियान में जुटे हुए हैं। उत्तर प्रदेश में अब तक 17 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और चार बार बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुकी हैं। मायावती का जन्म 15 जनवरी 1956 में गौतम बुध नगर के बादलपुर गांव में हुआ था और मायावती के पिता एक सरकारी कर्मचारी थे। मायावती के 6 भाई थे और 2 बहनें थीं। अपने भाई-बहनों में बसपा सुप्रीमो मायावती पढ़ने में सबसे तेज थी।
बनना चाहतीं थीं आईएएस: मायावती पढ़ने लिखने में काफी तेज थीं और आईएएस बनना चाहती थीं। मायावती ने ग्रेजुएशन करने के बाद दिल्ली के कालिंदी कॉलेज से एलएलबी किया और बाद में बीएड भी किया। इसके बाद मायावती दिल्ली के ही एक स्कूल में शिक्षिका की नौकरी करने लगीं। साथ ही साथ अपने सपने को पूरा करने के लिए मायावती आईएएस की तैयारी भी करने लगीं। मायावती पढ़ाई के साथ-साथ भीमराव अंबेडकर और दलित आंदोलनों पर लिखी हुई किताबों को भी पढ़ा करती थीं।
कैसी हुई राजनीति में एंट्री: बताया जाता है कि 1977 में जब आपातकाल खत्म हो चुका था उसी वक्त राजनारायण जो उस वक्त राजनीति में काफी चर्चित नाम थे वह दिल्ली में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। वहां पर मायावती भी मौजूद थीं। राजनारायण मंच से बार-बार हरिजन शब्द का प्रयोग कर रहे थे। उसी बीच मायावती मंच पर बोलने के लिए आईं और उन्होंने राजनारायण को हरिजन शब्द का उपयोग करने पर खूब कोसा। मायावती के भाषण से आए हुए लोग भी प्रभावित हुए और मंच से उतरते ही दलित नेता उन्हें बधाई देने लगे।
फिर यह खबर उस समय दलितों के नेता काशीराम तक पहुंची और वह मायावती से मिलने उनके घर पहुंच गए। मायावती से उन्होंने राजनीति में आने की बात कही लेकिन मायावती ने उन्हें बताया कि उनका सपना आईएएस बनने का है। फिर काशीराम ने कहा कि आप हमारे साथ आ जाओ ,आप उस ऊंचाई तक जायेंगी जहां पर सैकड़ों आईएएस आपके आदेश को मानेंगे।
पिता ने रखी शर्त: जब मायावती में राजनीति में जाने की बात अपने पिता को बताई तब उनके पिता को मायावती का यह फैसला रास नहीं आया। उन्होंने मायावती से साफ कहा कि या तो घर छोड़ दो या फिर राजनीति, मायावती ने राजनीति को चुना।
बन गईं उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री: मायावती राजनीति में आई और धीरे-धीरे दलितों के बीच काफी लोकप्रिय होती चली गईं। 3 जून 1995 को मायावती देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेती हैं। 1997 और 2002 में भी मायावती ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। 15 दिसंबर 2001 को कांशीराम ने मायावती को बहुजन समाज पार्टी का प्रमुख बना दिया था। 2007 में मायावती ने चौथी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और पूरे 5 साल तक सूबे की मुख्यमंत्री बनी रहीं। वर्तमान में मायावती बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख हैं और देश में दलितों की सबसे बड़ी नेता हैं।
