भारतीय जनता पार्टी की कद्दावर नेता स्मृति ईरानी उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट से सांसद हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने उस वक्त कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी को 55120 वोटों के अंतर से हरा दिया था। स्मृति ईरानी 2014 में पहली बार अमेठी से चुनाव लड़ी थीं, लेकिन उस चुनाव में राहुल गांधी ने उन्हें करीब 1 लाख वोटों से हरा दिया था। हालांकि इस हार के बाद भी स्मृति ईरानी अमेठी में काफी एक्टिव रही थीं, जिसका नतीजा 2019 में देखने को मिला। 1999 से लगातार अमेठी में जीतती आ रही कांग्रेस को पहली बार हार का मुंह देखना पड़ा था।

मोदी कैबिनेट में उन्होंने संभाले यह पद

2014 में अमेठी हारने के बाद भी स्मृति ईरानी मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनी थीं। राज्यसभा के जरिए स्मृति ईरानी को मोदी कैबिनेट में मानव संसाधन विकास मंत्रालय दिया गया था। वह उस वक्त मोदी कैबिनेट में सबसे युवा मंत्री थीं। 2014 से 2016 तक उनके पास यह मंत्रालय रहा। जुलाई 2017 से मई 2018 तक उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय दिया गया। इसके बाद जुलाई 2016 से जुलाई 2021 तक कपड़ा मंत्री के रूप में उन्होंने काम किया। सरकार में सबसे कम उम्र की केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और शिक्षा मंत्री और कपड़ा मंत्री के रूप में पद संभालने वाली वह पहली महिला रहीं। फिलहाल वह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय संभाल रही हैं।

शिक्षा क्षेत्र में किए अहम काम

स्मृति ईरानी ने शिक्षा मंत्री के रूप में इनोवेशन और टेक्नोलॉजी की दिशा में महत्वपूर्ण काम किया। उन्होंने इस क्षेत्र में भारत की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए विभिन्न शैक्षिक सुधारों की शुरुआत की। उन्होंने भारत की नई शिक्षा नीति की कल्पना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारत के पहले MOOC प्लेटफॉर्म SWAYAM, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी और GIAN नामक शिक्षाविदों के एक वैश्विक नेटवर्क सहित कई बड़े पैमाने पर परियोजनाओं की शुरुआत की। उन्होंने छात्रों और शिक्षा जगत के बीच अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए IMPRINT लॉन्च किया।

डिग्री को लेकर रहा विवाद

चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे के मुताबिक, स्मृति ईरानी ने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। उसके बाद उन्होंने ‘स्कूल ऑफ़ ओपन लर्निंग’ से कॉमर्स की एक साल की पढ़ाई पूरी की है। शिक्षा के मामले में उनपर ऐसे आरोप भी हैं कि उन्होंने अपनी पढ़ाई की जानकारी गलत दी है। 2004 के लोकसभा चुनाव के लिए दाखिल किए गए हलफनामे में उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता बी.ए बताई थी। हालांकि 2011 में गुजरात से राज्यसभा और 2014 में लोकसभा चुनाव के लिए दाखिल किए गए हलफनामे में उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता बी.कॉम बताई थी।

2011 से सांसद हैं स्मति ईरानी

स्मृति ईरानी 2011 से सांसद रही हैं। 2011 से 2019 तक स्मृति ईरानी राज्यसभा सांसद रहीं, लेकिन 2019 के चुनाव में उन्होंने अमेठी लोकसभा सीट पर जीत दर्ज कर ली। स्मृति 2010 से 2013 तक भाजपा महिला मोर्चा (पार्टी की महिला शाखा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष थीं। जिसे अमेठी को स्मृति ईरानी ने 2019 के चुनाव में 55 हजार वोटों से जीता था वह अमेठी करीब 4 दशक तक कांग्रेस का गढ़ रही थी। राजीव गांधी और सोनिया गांधी के बाद राहुल गांधी भी इस सीट से चुनाव लड़े थे। स्मृति ईरानी की पारिवारिक पृष्ठभूमि विविध है, उनके पैतृक परिवार में पंजाबी और मराठी विरासत शामिल है, जबकि उनके मातृ परिवार में बंगाली विरासत है और वह हिंदी, बंगाली, मराठी, गुजराती और पंजाबी सहित कई भारतीय भाषाएं बोलना जानती हैं।

2024 में अमेठी से कौन होगा उम्मीदवार?

2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अमेठी में अभी तक बीजेपी और कांग्रेस ने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। माना जा रहा है कि चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद बीजेपी और कांग्रेस यहां से उम्मीदवार घोषित कर सकती हैं। बीजेपी का टिकट स्मृति ईरानी को ही मिलने की संभावना है तो वहीं कांग्रेस से उम्मीदवार पर हैरानी हो सकती है, क्योंकि 2019 में ही राहुल गांधी अमेठी के साथ-साथ वायनाड से चुनाव लड़े थे। अमेठी हारने के बाद वह वायनाड जीतने के बाद लोकसभा पहुंचे थे।