राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने उम्मीदवारों की दो-दो लिस्ट जारी कर दी है। अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे की सीटों का नाम भी सामने आ चुका है। भाजपा ने कई सांसदों समेत कुछ नए चेहरों पर दांव खेला है वहीं कांग्रेस की लिस्ट में अधिकतर नाम मौजूदा विधायकों के हैं। चर्चा राजस्थान कांग्रेस के उन तीन विधायकों की भी है जिनके नाम आलाकमान से बगावत के बाद सामने आए थे। इन तीनों नेताओं के नाम अभी तक कांग्रेस की लिस्ट में दिखाई नहीं दिए हैं। ये तीन नेता-शांति धारीवाल, महेश जोशी, धर्मेंद्र राठौड़ हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि इन तीनों के टिकट आलाकमान की नाराजगी के रहते रोके गए हैं और टिकट बंटवारे को लेकर हुई चर्चा में भी इन्हें लेकर बहस हुई है।

जब सोनिया गांधी ने कहा- ये वही आदमी है?

चुनावी वक्त में कयासों, अटकलों का दौर बहुत तेजी से चलता है। सोशल मीडिया पर चर्चा है कि इस सप्ताह की शुरुआत में पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में सोनिया गांधी ने नाराजगी जताई थी और इन्हीं में से एक नेता का जिक्र करते हुए पूछा था कि क्या यह वही आदमी हैं?

खबरों के मुताबिक सोनिया शांति धारीवाल का जिक्र कर रही थीं, जिनका नाम आगामी राजस्थान चुनाव के लिए टिकट के लिए विचार के लिए आया था। राहुल गांधी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि उन्होंने भी अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कोटा में शांति धारीवाल के खिलाफ कई शिकायतें सुनी थीं।

महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ के साथ शांति धारीवाल को कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबियों के तौर पर देखा जाता है। सितंबर 2022 में जब कभी गांधी परिवार के कट्टर वफादार माने जाने वाले गहलोत ने उनकी जगह सचिन पायलट को लाने की पार्टी आलाकमान की योजना को खत्म कर दिया था तब यही तीनों सीएम के साथ खड़े हो गए थे और कहा था कि आलाकमान उनके लिए इतने मायने नहीं रखता। अब जब इन तीनों ही नेताओं के नाम लिस्ट में नहीं हैं तो चर्चा होने लगी है कि राजस्थान कांग्रेस में सीटों के बंटवारे को लेकर खीचतान है।