Rajasthan Assembly Elections: राजस्थान में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले भाजपा ने रणनीति के तहत कई सासंदों को भी मैदान में उतारा है। उन्हीं में एक नाम बाबा बालकनाथ का भी है। बाबा बालकनाथ अलवर से बीजेपी सांसद है। इस नाम की चर्चा भी औरों से सबसे ज्यादा है। क्योंकि इन्हें ‘राजस्थान का योगी’ भी कहते हैं। भारतीय जनता पार्टी ने बाबा बालकनाथ को तिजारा से चुनावी टिकट दिया है।

राजस्थान के अलवर से सांसद बाबा बालकनाथ मस्तनाथ मठ के महंत हैं। इसी कारण उनकी ड्रैसिंग स्टाइल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिलती-जुलती है। यही वजह है कि लोग उनको राजस्थान के योगी के नाम से भी पुकारते हैं।

भगवा कपड़ों ने रहने वाले महंत बालकनाथ को भाजपा के फायरब्रांड नेताओं में से एक माना जाता है। वह हिंदुत्व एजेंडे पर अपने आक्रामक रुख के कारण सुर्खियों में बने रहते हैं। अपने फायर ब्रांड वाली छवि के चलते वह आमजन में काफी फेमस हैं। बाबा बालकनाथ ओबीसी कैटेगरी से आते हैं।साल 2019 के लोकसभा चुनावों में बाबा बालकनाथ ने अलवर से कांग्रेस के दिग्गज नेता भंवर जितेंद्र सिंह को शिकस्त दी थी। जिसके बाद बाबा बालकनाथ पहली बार सांसद बने। कांग्रेस के दिग्गज नेता को करारी पटखनी देने के बाद ही ‘बाबा’ के नाम की राजनीति के गलियारे चर्चा होने लगी थी।

बालकनाथ उस वक्त चर्चा में आए थे, जब उन्होंने राजस्थान पुलिस के डीएसपी को थाने में घुसकर धमकाया था। भाजपा कार्यकर्ता को हिरासत में लेने से नाराज सांसद ने डीएसपी से कहा था- ‘मेरा नाम याद रखना। मेरी सूची में तीन लोग हैं, एक तो यहां के विधायक, पुराने थानेदार और अब आप भी मेरी लिस्ट में हैं।’ बाबा बालकनाथ की आसपास के क्षेत्र में काफी अच्छी पकड़ हैं और वे लोगों में अपने हिंदुत्व एजेंडे को लेकर भी काफी प्रचलित हैं।

कौन हैं बाबा बालकनाथ?

बालकनाथ अलवर के पूर्व भाजपा सांसद और हरियाणा के रोहतक में बाबा मस्तनाथ मठ के महंत दिवंगत महंत चांद नाथ योगी के शिष्य हैं। 2017 में निधन से पहले चांदनाथ ने बालक नाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। अलवर जिले के एक यादव परिवार में पैदा हुए बालक नाथ, रोहतक में बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं।

2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बालक नाथ के लिए प्रचार करने के लिए अलवर का दौरा किया। पिछले साल मुख्यमंत्री के रूप में आदित्यनाथ की वापसी के बाद बालक नाथ ने संवाददाताओं से कहा, “योगी जी और हमारा संप्रदाय और पंथ एक ही हैं और यह हमारे बड़े भाई की जीत है।”

2022 में, स्थानीय प्रशासन द्वारा अलवर में एक मंदिर को ध्वस्त करने के बाद, बालक नाथ ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। मई में अलवर में बीजेपी की एक रैली में उन्होंने कांग्रेस की तुलना मुगलों से की थी। अलवर में बालक नाथ के सबसे बड़े विरोधियों में बहरोड़ से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव हैं।