Rajasthan BJP Candidate Chandra Mohan Meena: राजस्थान में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। राज्य की 200 सीटों पर 25 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। बीजेपी ने राजस्थान के लिए उम्मीदवारों की जो सूची जारी की है उसमें ब्यूरोक्रेट्स को भी जगह मिली है। 1980 बैच के रिटायर्ड IAS अफसर चंद्र मोहन मीणा को बीजेपी ने राजस्थान से चुनाव मैदान में उतारा है। वह बस्सी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, जो रिजर्व सीट है।

राजस्थान के पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव रहे मीणा को 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के ठीक एक साल बाद राजस्थान का सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया था। राज्य सरकार में साल 2015 से 2019 तक चंद्र मोहन को सूचना आयुक्त बनाया गया।

1980 बैच के आईएएस रहे हैं चंद्र मोहन मीणा

चंद्र मोहन मीणा साल1980 बैच के आईएएस रहे हैं। साल 2014 में वह सेवानिवृत्त हो गए थे। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में उन्हें मुख्य सूचना आयुक्त बनाया गया था। चंद्र मोहन मीणा लगातार समाज सेवा के कार्यों में सक्रिय रहे। पिछले दिनों उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली थी और अब भाजपा ने उन्हें बस्सी से प्रत्याशी घोषित करके चुनावी मैदान में उतारा है।

गौरतलब है कि चंद्र मोहन मीणा ने इसी साल जून में बीजेपी ज्वाइन की थी। हाल ही में जब मीणा को राजस्थान में चुनाव लड़ाने की चर्चा शुरू हुई तो पार्टी के कुछ स्थानीय नेताओं ने इसका विरोध भी किया और दिल्ली तक पहुंच गए। बीजेपी के महासचिव (संगठन) बीएल संतोष से मिलकर अपनी नाराजगी जाहिर की। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी नेताओं का कहना था कि पार्टी अपने कैडर के किसी नेता को टिकट दे लेकिन आउटसाइडर मीणा को टिकट न दे।

बस्सी सीट पर खड़े हैं रिटायर्ड IAS और IPS

बस्सी सीट पर खड़े चंद्र मोहन मीणा और लक्ष्मण मीणा दोनों आपस में रिश्तेदार हैं। दोनों के गांव आसपास है। दोनों ने एक साथ स्कूल में पढ़ाई की थी। उसके बाद साथ-साथ कॉलेज भी गए। चंद्र मोहन 1980 तो लक्ष्मण 1982 बैच के अधिकारी हैं। जालौर में 1988 से 1990 तक चंद्रमा कलेक्टर रहे। उस समय लक्ष्मण एसपी थे। बीकानेर में 2000 से 2002 तक चंद्र मोहन डीसी रहे। तो लक्ष्मी मीणा उस दौरान आईजी का पद संभाल रहे थे। अब दोनों एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं।

बस्ती विधानसभा सीट पर 2 लाख 33 हजार से ज्यादा मतदाता है। इसमें 1 लाख 21 हजार से ज्यादा पुरुष वोटर हैं, जबकि 1 लाख 11 हजार से ज्यादा महिला वोटर हैं। इस विधानसभा सीट पर मीणा समाज के करीब 50,000 मतदाता हैं। बीते तीन विधानसभा चुनाव की बात करें तो साल 2008 और 2013 में यहां से निर्दलीय अंजू धानका ने जीत दर्ज की थी। साल 2018 में लक्ष्मण मीणा निर्दलीय लड़े और जीत गए।