पंजाब में सिद्धू की खिलाफत करने वाले कुछ पार्षदों को कांग्रेस पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अमृतसर पूर्वी सीट से उम्मीदवार नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ वहां पर अकाली दल ने पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को चुनाव मैदान में उतारा है। कड़े मुकाबले में सिद्धू के गढ़ के कुछ पार्षदों ने पार्टी के खिलाफ जाकर सिद्धू का विरोध किया। इससे पार्टी में उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो गई। पंजाब कांग्रेस चीफ नवजोत सिंह सिद्धू ने पांच पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश देते हुए उन्हें छह साल के लिए बर्खास्त करने की बात कही है। हालांकि ये लोग पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं।
इनके नाम हैं वार्ड नंबर 47 से जतिंदर सोनिया, वार्ड नंबर 47 से लाडो पहलवान, वार्ड नंबर 24 से राजिंदर सैनी, वार्ड नंबर 32 से राजेश मदान व वार्ड नं. 18 के पार्षद संदीप कुमार। राजेश मदान, राजिंदर सैणी, जसविंदर सिंह लाडो पहलवान और जिला कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रधान व पार्षद जतिंदर सोनिया सिद्धू के खास माने जाते थे, लेकिन ये लोग कांग्रेस पार्टी छोड़ अकाली दल में शामिल हो गए हैं। इससे पहले हरमिंदर जस्सी, केवल ढिल्लो, तरसेम डीसी, अमरीक ढिल्लो, सतकार कौर और दलजीत राजू को भी पार्टी से बर्खास्त किया जा चुका है।
उधर, पंजाब विधानसभा के लिए 117 सीटों पर किस्मत आजमा रहें 1,304 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला रविवार को मतदान के साथ हो गया। इन प्रत्याशियों में 93 महिलाएं भी शामिल थीं। 10 मार्च को मतगणना के साथ सभी की किस्मत का ताला खुलेगा। पंजाब में इस बार कांग्रेस, आप, शिअद-बसपा गठबंधन, भाजपा-पीएलसी-शिअद (संयुक्त) और विभिन्न किसान संगठनों की राजनीतिक इकाई संयुक्त समाज मोर्चा के बीच बहुकोणीय मुकाबला रहा। अपनी सत्ता को कायम रखने की कोशिश कर रही सत्तारूढ़ कांग्रेस को विभिन्न मुद्दों को लेकर विभिन्न राजनीतिक विरोधियों के तीखे हमलों का सामना करना पड़ा है, जिनमें मादक पदार्थ और भ्रष्टाचार का मुद्दा शामिल प्रमुख रूप से शामिल हैं।
वहीं, कांग्रेस इन हमलों का मुकाबला मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के 111 दिनों के कार्यकाल में बिजली की दरों और ईंधन की कीमत में कमी जैसे फैसलों से कर रही है। आम आदमी पार्टी (आप) जो सबसे प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के तौर पर उभरी है वह शासन के दिल्ली मॉडल को पेश कर सत्ता पर काबिज होने का प्रयास कर रही हे।
शिरोमणि अकाली दल का भी बहुत कुछ दांव पर लगा है जो वर्ष 2020 में भाजपा के साथ कृषि कानूनों के मुद्दों पर नाता तोड़ने के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरा है।
शिअद के साथ गठबंधन में छोटी सहयोगी रही भाजपा इस बार के गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में है। भाजपा ने इस चुनाव के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह नीत पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढींढसा नीत शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ गठबंधन किया है।