MP Vidhan Sabha Election Chunav Result 2018: ईवीएम के 20 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी राज्य के नतीजों की तस्वीर 24 घंटे में साफ हो पाई। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना मंगलवार सुबह 8 बजे शुरू हुई थी और बुधवार सुबह 8 बजे तक सभी 230 सीटों पर आधिकारिक नतीजों का ऐलान हुआ। देश के चुनाव में 1998 से ईवीएम का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि जब पूरे राज्य के नतीजे 24 घंटे में नहीं आ पाए। वहीं, परिणाम से यह तय है कि कांग्रेस ही सबसे बड़ी पार्टी है।

इस वजह से नहीं आ पाए नतीजे
मध्यप्रदेश में सभी सीटों पर इस बार वीवीपैट का इस्तेमाल किया गया। इसके तहत सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों से एक-एक बूथ को चुना गया। वहां के ईवीएम की कंट्रोल यूनिट के वोटों का मिलान वीवीपैट मशीनों की पर्चियों से किया गया। सभी वोटों की गिनती पार्टी एजेंटों के सामने कराई गई। हर राउंड के बाद एजेंटों को उसका प्रिंटआउट बांटा गया। इस वजह से नतीजों की घोषणा में देरी हुई।

बराबर की टक्कर से भी हुई दिक्कत
चुनाव के नतीजों की तस्वीर साफ नहीं होने की मुख्य वजह यह भी रही कि रुझानों में भाजपा और कांग्रेस के बीच बराबरी की टक्कर चली। रुझान किसी एक पार्टी के पक्ष में होते तो यह तस्वीर साफ हो चुकी होती। हालांकि, मध्यप्रदेश में 14,600 कर्मचारियों को काउंटिंग में लगाया गया था।

 

MP में ही पहली बार हुआ था ईवीएम का इस्तेमाल
ईवीएम 1989-1990 में ही बनकर तैयार हो गई थी। नवंबर 1998 में पहली बार इसका इस्तेमाल मध्यप्रदेश की पांच, राजस्थान की पांच और दिल्ली की छह विधानसभा सीटों पर किया गया। वीवीपैट का पहली बार इस्तेमाल 2013 में नगालैंड की एक सीट पर हुआ।