आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस के लिए एक लोकसभा सीट की पेशकश की। आप ने मंगलवार को कहा कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली में 6 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है और कांग्रेस को सिर्फ एक सीट देने की इच्छुक है। पार्टी ने दावा किया विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ में उसकी सहयोगी कांग्रेस राष्ट्रीय राजधानी में पिछले चुनावों में अपने प्रदर्शन को देखते हुए एक सीट की भी हकदार नहीं है।

वहीं, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जो आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है और सीटों के बंटवारे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में फैसला नहीं किया जा सकता। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन के बारे में पीटीआई से बात करते हुए लवली ने कहा कि कांग्रेस ने पिछली बार पांच सीटों पर दूसरा स्थान हासिल किया था।

आप का आरोप- सीट बंटवारे को लेकर नहीं हुई कोई बातचीत

दरअसल, आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक के बाद यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) संदीप पाठक ने कहा कि वे दिल्ली के लिए सीट बंटवारे पर बातचीत फिर से शुरू होने के वास्ते एक महीने से अधिक समय से इंतजार कर रहे हैं लेकिन कोई बातचीत नहीं हुयी है।

2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे सभी जानते- कांग्रेस

कांग्रेस नेता ने कहा, “लोकसभा की सीटें प्रेस कॉन्फ्रेंस में तय नहीं की जा सकतीं। अगर तुलना की जाए तो हम इस बार दिल्ली में किसी भी अन्य पार्टी की तुलना में सबसे ज्यादा तैयार हैं। जब पार्टी के प्रदर्शन की बात आती है तो 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे सभी जानते हैं। लवली ने कहा कि कांग्रेस पांच सीटों पर दूसरे स्थान पर थी। हालांकि, मैं किसी नेता और उनके बयानों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता।”

लवली ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस एकमात्र पार्टी है जिसने सभी सात लोकसभा सीटों पर कई बैठकें की हैं। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ”कांग्रेस भारत में सबसे बड़ी पार्टी है और हम हमेशा अन्य विपक्षी दलों के साथ काम करने की पूरी कोशिश करते हैं क्योंकि हमारा मकसद लोकतंत्र को बचाना है।” दिल्ली में आप के साथ गठबंधन के बारे में बोलते हुए लवली ने दोहराया कि AICC के वरिष्ठ नेता जो भी निर्णय लेंगे, दिल्ली कांग्रेस उसका पालन करेगी।

2024 का लोकसभा चुनाव पंजाब में अकेले लड़ेगी आप और कांग्रेस

वहीं, आप ने कहा, ‘‘आठ जनवरी और 12 जनवरी को कांग्रेस और आप के बीच दो आधिकारिक बैठकें हुईं। बातचीत अच्छे माहौल में हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।’’ आप नेता ने कहा, ‘‘इन दो आधिकारिक बैठकों के बाद, पिछले एक महीने में कोई बैठक नहीं हुई है। हमें बताया गया कि कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा चल रही है और बैठक में कुछ देर होगी।’’

आप और कांग्रेस ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे 2024 के लोकसभा चुनाव पंजाब में अकेले लड़ेगी क्योंकि उनके प्रदेश के नेता वहां गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं। आप की ओर से सीट बंटवारे के प्रस्ताव की घोषणा करते हुए पाठक ने कहा कि उनकी दिल्ली की सात में से छह लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने और एक कांग्रेस को देने की योजना है। आप नेता ने कहा, ‘‘कांग्रेस के पास लोकसभा में शून्य सीटें और विधानसभा में शून्य सीटें हैं। पिछले साल एमसीडी चुनावों में, कांग्रेस ने 250 में से नौ वार्ड जीते थे। अगर आप योग्यता के आधार पर और आंकड़ों के आधार पर देखें, तो कांग्रेस एक सीट की भी हकदार नहीं है। लेकिन गठबंधन धर्म का ध्यान रखते हुए हम उन्हें एक सीट की पेशकश करते हैं।’’

आप नेता ने कहा कि अगर बातचीत नहीं हुई तो आप अगले कुछ दिनों में दिल्ली के लिए छह उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर देगी। साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। साल 2019 के लोकसभा चुनावों में आप को 18.1 प्रतिशत वोट मिले थे और उसने तीसरा स्थान हासिल किया था, जबकि कांग्रेस को 22.5 प्रतिशत वोट मिले थे और सात लोकसभा सीटों में से पांच पर दूसरे स्थान पर थी। भाजपा को 56.5 फीसदी वोट मिले थे।