Karnataka Election 2023: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मंगलवार को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र की आलोचना की तो वहीं बीजेपी के घोषणापत्र की तारीफ की। जिसमें कई वादों के अलावा NRC लागू करने का वादा किया गया। सरमा ने कहा कि एनआरसी केवल एक विशेष राज्य तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसको पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए।

‘NRC आज वक्त की जरूरत’

हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, ‘असम के अनुभव के आधार पर मैं कह सकता हूं कि पूरे देश में NRC आज वक्त की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज तक, हमारे पास नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर नहीं है। नागरिकता का संकेत नहीं है। हम नहीं जानते कि देश का संसाधन एक नागरिक के पास जा रहे हैं या एक गैर-नागरिक के पास। मैं एनआरसी की घोषणा करने वाले कर्नाटक भाजपा के कदम का स्वागत करता हूं।’

‘कांग्रेस के घोषणापत्र में सांप्रदायिकता की बू आती है’

कर्नाटक में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के भाजपा के कदम का हिमंता ने स्वागत किया। हिमंता ने कहा, ‘यूसीसी के बारे में घोषणा लैंगिक न्याय और मुस्लिम महिलाओं के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करने में एक लंबा रास्ता तय करेगी। असम सीएम ने मंगलवार को घोषित किए गए कांग्रेस के कर्नाटक मेनिफेस्टो की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का घोषणापत्र धर्मनिरपेक्ष पार्टी जैसा नहीं है और इसमें ‘सांप्रदायिकता’ की बू आती है।

कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में सत्ता में आने पर एक साल के अंदर कर्नाटक में भाजपा सरकार द्वारा पारित सभी अन्यायपूर्ण कानूनों और जनविरोधी कानूनों को रद्द करने की बात कही है। कांग्रेस ने बजरंग दल की तुलना प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से भी की और दक्षिणपंथी संगठन पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया।

हिमंता ने पूछा- क्या कांग्रेस का घोषणापत्र PFI ने बनाया

हिमंत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाते हुए कहा, ‘पीएफआई पहले से ही प्रतिबंधित है। सिद्धारमैया सरकार ने पीएफआई नेताओं के खिलाफ मामले वापस ले लिए। अब, मुसलमानों को खुश करने के लिए कांग्रेस कह रही है कि वे बंजरंग दल पर प्रतिबंध लगाएंगे। ऐसा लगता है कि घोषणापत्र पीएफआई द्वारा बनाया गया है और यह दर्शाता है कि उनकी पीएफआई के प्रति सहानुभूति है।

‘जिन्ना भी जिंदा होते तो भी ऐसा घोषणापत्र लागू नहीं करते’

हिमंता ने कहा, ‘गृह मंत्री ने PFI को बैन किया तो कांग्रेस बोल रही है कि वे बजरंग दल को बैन करेंगे, मुस्लिम आरक्षण को फिर से शुरु करेंगे। कांग्रेस ने जो घोषणापत्र जारी किया है वह पूरा मुसलमान घोषणा पत्र है। जिन्ना भी ज़िंदा होते तो ऐसा घोषणा पत्र जारी नहीं करते।’ हिमंत ने कर्नाटक में मुस्लिमों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण खत्म करने के भाजपा के फैसले को “ऐतिहासिक” कदम बताया।