कुछ अरसा पहले तक बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने तेलंगाना के सीएम KCR के खिलाफ अपने तेवर शांत कर लिए थे। बीजेपी को लगता था कि 2024 में अगर बहुमत से कुछ सीटें कम हुईं तो BRS से समर्थन का जुगाड़ किया जा सकता है। लेकिन असेंबली चुनाव में दिख रही त्रिकोणीय लड़ाई को देखते हुए बीजेपी आलाकमान ने फिर से अपने तेवर तीखे करने शुरू कर दिए हैं। इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि बीजेपी KCR के खिलाफ तीखे तेवर अख्तियार करने वाले बंदी संजय कुमार को फिर से तवज्जो देने लगा है। बीजेपी को पता है कि वो ही KCR पर तीखा हमला कर सकते हैं। फिलहाल सांसद बंदी संजय को बीजेपी असेंबली चुनाव में उतार रही है। वो KCR के खिलाफ हमेशा से तल्ख रहे हैं।

2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा केवल 1 सीट जीत पाई थी। आंकड़ों को देख पार्टी नेतृत्व को लगा कि राज्य में भाजपा के वरिष्ठ नेता बहुत नरम स्वभाव वाले हैं। इसलिए बंदी संजय कुमार को उनके आक्रामक हिंदुत्व के लिए नए भाजपा प्रमुख के रूप में लाया गया। उन्होंने अपना मोर्चा बखूबी संभाला भी। लेकिन अचानक थिंकटैंक का नजरिया बदला तो बंदी संजय को हाशिए पर डालकर जी किशन रेड्डी को तेलंगाना बीजेपी की कमान सोंप दी गई। उधर दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी KCR की बेटी के खिलाफ भी बीजेपी ने अपने तेवर पहले से काफी हल्के कर लिए।

GHMC के साथ दो उप चुनाव जीतकर सभी को किया था भौचक

हालांकि बंदी संजय कुमार तेलंगाना में BRS को भौचक कर चुका हैं। दिसंबर 2020 में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) चुनावों के दौरान कुमार की आक्रामकता प्रदर्शित हुई थी। भाजपा ने 150 जीएचएमसी सीटों में से 48 सीटें जीतकर आश्चर्यचकित कर दिया था। उनके नेतृत्व में पार्टी ने हुजूराबाद और दुब्बाका में दो महत्वपूर्ण विधानसभा उपचुनाव भी जीते। हालांकि, वह पिछले अक्टूबर में मुनुगोडे उपचुनाव बीआरएस से हार गई थी। लेकिन नगर निगम और उप चुनावों में मिली जीत से साफ था कि बंदी संजय कुमार के तीखे तेवर लोगों को रास आ रहे हैं।

शाह ने की थी सराहना तो पीएम मोदी ने खुद किया था बंदी संजय को फोन

बंदी संजय कुमार तेलंगाना सरकार के प्रति कितने आक्रमक हैं इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि बीआरएस का विरोध करने के लिए उन्होंने 28 अगस्त, 2021 को एक राज्यव्यापी प्रजा संग्राम यात्रा शुरू की। तब से बंदी ने 120 दिनों में 1,500 किमी की पैदल यात्रा करते हुए पांच चरणों में लगभग 60 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया है। पदयात्रा समाप्त होने के बाद एक सार्वजनिक बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनकी प्रशंसा की। जबकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पदयात्रा की सफलता पर बधाई देने के लिए फोन किया। घटनाक्रमों से साफ था कि केंद्रीय नेतृत्व उनको कितनी संजीदगी से लेता है। वैसे वो 2018 में करीमनगर विधानसभा सीट से हार गए थे पर 2019 का लोकसभा चुनाव करीमनगर से जीते। फिलहाल बीजेपी ने तेलंगाना के असेंबली चुनाव में बंदी संजय कुमार, अरविंद और आदिलाबाद के सांसद सोयम बापू राव को टिकट दिया है।

बीजेपी के सीनियर नेता के लक्ष्मण कहते हैं कि अगर बंदी संजय विधायक चुने जाते हैं तो हमें विधानसभा में एक मजबूत नेता मिल जाएगा। पार्टी प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों में जिताऊ उम्मीदवारों को भी मैदान में उतारना चाहती है। इसीलिए संजय और डी अरविंद दोनों को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा गया है। वो जीतते हैं तो वे यह भी सुनिश्चित कर सकते हैं कि नए उम्मीदवार अगले साल लोकसभा चुनाव में अपनी वर्तमान सीटें जीत सकें।