बिहार में अब तक 24 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। राज्य में अगले दो चरणों में आठ-आठ सीटों पर मतदान होगा। बिहार में एनडीए को ज्यादा से ज्यादा सीटों पर सफलता दिलाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी अब तक सात बार राज्य का दौरा कर चुके हैं। अब बिहार के पाटलिपुत्र लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 मई जून को रैली करने वाले हैं।
पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद राम कृपाल यादव को तीसरी बार चुनाव मैदान में उतारा है। यहां उनका मुकाबला राजद की प्रत्याशी औऱ लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती चुनावी मैदान में हैं। राम कृपाल यादव को लगातार तीसरी बार सफलता दिलाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी 25 मई को पाटलिपुत्र लोकसभा के बिक्रम विधानसभा में चुनावी रैली को संबोधित करेंगे।
कौन हैं बीजेपी प्रत्याशी रामकृपाल यादव
दो बार से लगातार पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने जा रहे रामकृपाल यादव पहले कभी लालू यादव के करीबी माने जाते थे। साल 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राजद से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने बीजेपी का दामन थामा था। पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी ने इन्हें उम्मीदवार बनाया और वे मीसा भारती को हराकर संसद पहुंचे।
राजनीतिक मतभेदों के बीच मीसा भारती रामकृपाल यादव को अपना चाचा मानती हैं और रामकृपाल यादव भी मीसा को अपनी भतीजी बताते हैं। इस बार पाटलिपुत्र में मीसा भारती और उनके चाचा लगातार तीसरी बार चुनाव मैदान में है। अब इस चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या प्रधानमंत्री के रैली के बाद बीजेपी अपने प्रत्याशी पाटलिपुत्र में हैट्रिक जमाएंगे या फिर उनकी भतीजी बड़ा उलटफेर करने में कामयाब होगी।
2020 विधानसभा में महागठबंधन जीता सभी विधानसभा सीटें
पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की कुल 6 सीटें आती है। साल 2019 लोकसभा चुनाव के बाद बिहार में अगले साल हुए विधानसभा चुनाव में यहां की सभी 6 सीटों पर महागठबंधन ने कब्जा किया था। हालांकि 2024 का चुनावी मौसम शुरू होने के बाद यहां कई सियासी घटनाक्रम देखने को मिले हैं।
पिछले दिनों बिक्रम विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ सौरभ बीजेपी में शामिल हो गए थे। पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत दानापुर से राजद के रीतलाल यादव विधायक हैं। मनेर से राजद के भाई वीरेंद्र विधायक हैं। वर्तमान में यहां 5 विधायक महागठबंधन के पास तो 1 विधायक बीजेपी के साथ है।
पाटलिपुत्र लोकसभा से लालू प्रसाद यादव हार चुके हैं चुनाव
बिहार की राजधानी पटना जिले में आने वाली पाटलिपुत्र लोकसभा सीट का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। साल 2008 में ये लोकसभा अस्तित्व में आई थी जिसके बाद साल 2009 में यहां पहली बार आम चुनाव हुआ। तब से लेकर अबतक यहां एक बार जदयू और दो बार बीजेपी ने जीत दर्ज की है। साल 2009 में यहां से राजद के तरफ से खुद लालू प्रसाद यादव मैदान में थे जिन्हे एनडीए के साथी दल जदयू के प्रत्याशी रंजन प्रसाद यादव ने शिकस्त दी थी।
पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के चुनावी मुद्दे
वैसे तो देश भर की तरह इस लोकसभा सीट पर भी राष्ट्रीय मुद्दे हावी है। लेकिन लोकल राजनीति पर पकड़ रखने वालों की मानें तो 2002 में अटल सरकार में बना ट्रामा सेंटर अभी तक शुरू नहीं होने से लोगों में गुस्सा है। लगभग दो दशकों से बिहटा औरंगाबाद रेलवे लाइन परियोजना भी नहीं शुरू होने से बीजेपी प्रत्याशी को नुकसान हो सकता है। राजधानी पटना से सटे इस क्षेत्र में कोई ठोस काम न होने पर भी बीजेपी सांसद के लिए मुसीबत हो सकती है। शायद यही वजह है की पाटलिपुत्र के मतदाताओं को रिझाने प्रधानमंत्री खुद आ रहे हैं।
क्या है पाटलिपुत्र लोकसभा का जातीय समीकरण
पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर करीब 16.5 लाख वोटर हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या यादव मतदाताओं (करीब 4 लाख) की है। पाटलिपुत्र में भूमिहार मतदाताओं की संख्या 3 लाख, करीब एक लाख ब्राह्मण, करीब 1.7 लाख कुर्मी, करीब 1.7 लाख कोइरी, करीब 1.5 लाख मुस्लिम और बाकी दलित मतदाता हैं। यहां दोनों खेमों से यादव प्रत्याशी होने से मामला और दिलचस्प हो गया है। एनडीए को जेडीयू के साथ होने से कुर्मी- कुशवाहा मतदाताओं का समर्थन मिलने की उम्मीद है।
बीते दोनों चुनावों में देखने को मिला करीबी मुकाबला
साल 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के रामकृपाल यादव को 3,83,262 वोट मिले थे। उनके सामने चुनाव लड़ीं मीसा भारती 3,42,940 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहीं। इसी तरह 2019 लोकसभा चुनाव में रामकृपाल यादव को 5,09,557 वोट मिले तो राजद की मीसा भारती को 4,70,236 वोट प्राप्त हुए।
(यह खबर जनसत्ता डॉट कॉम के साथ इंटर्नशिप कर रहे ज्योत प्रकाश ने लिखी है।)