Bihar Elections 2020 में अब विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) महागठबंधन का हिस्‍सा नहीं है। वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने जिस वक्‍त और तरीके से गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया, उससे तेजस्‍वी यादव की छवि को तात्‍कालिक रूप से धक्‍का जरूर पहुंचा है, पर इसका चुनावी नुकसान होगा, यह पक्‍के तौर पर नहीं कहा जा सकता।

सहनी पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्‍होंने राजनीतिक शुरुआत की थी। बाद में पार्टी बनाई। 2019 का लोकसभा चुनाव महागठबंधन में रह कर लड़े, लेकिन बुरी तरह हारे। सहनी खगड़िया लोकसभा क्षेत्र से लड़े और हार गए। वह संसदीय सीट के हसनपुर, सिमरी-बख्तियारपुर, अलौली, खगड़िया, बेलदौर और परबत्ता में सभी जगह 40 हजार से अधिक वोटों से पिछड़ गए थे। उनकी पार्टी मुजफ्फरपुर और मधुबनी में भी कुछ खास नहीं कर पाई।

सहनी की पार्टी कभी अकेले चुनाव नहीं लड़ी। इसका एक ही अपवाद है। यह अपवाद सिमरी-बख्तियारपुर उप चुनाव का था। इस उपचुनाव में वीआईपी के दिनेश निषाद को मात्र 25,225 वोट मिले। वह तीसरे स्थान पर रहे।

Bihar Election 2020 LIVE

लोकसभा चुनाव में वीआईपी जिन सीटों पर लड़ी वहां मुकेश सहनी की जाति (निषाद) के ठीक-ठाक वोट हैं। इसके बावजूद वीआईपी को पर्याप्‍त वोट नहीं मिले।

लोकसभा चुनाव में वीआईपी को मात्र 1.65% वोट मिले। बिहार में पिछड़ी जातियों की आबादी 51.3% है। इसमें 19.3% पिछड़ी जातियों को निकाल दें तो बची हुई अति पिछड़ी जाति की 32% आबादी में धानुक, कहार, कानू, कुम्हार, नाई, ततमा जैसी जातियों की संख्या करीब 16% है और बची 16% में वैसी जातियां है जिनकी संख्या 1% या उससे कम है। ये जातियां मिल कर एक बड़ा वोट बैैंक तैयार करती हैैं और चुनाव परिणाम को खासा प्रभावित करती हैं।

सहनी का बड़ा दावा: सहनी ने बीच प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में महागठबंधन से अलग होने की घोषणा की और कहा कि तेजस्‍वी यादव का डीएनए ठीक नहीं। यह प्रेस कॉन्‍फ्रेंस महागठबंधन ने सीटों केे बंटवारे की घोषणा के लिए बुलाई थी। सहनी ने कहा कि उन्‍हें 25 सीटें और उप मुख्‍यमंत्री का पद दिए जाने का वादा किया गया था। उनसे पहले तेजस्‍वी ने ऐलान किया था कि राजद के खाते में आईं 144 सीटों में से वीआईपी और झारखंड मुक्‍ति मोर्चा को सीटें दी जाएंगी। इनकी संख्‍या क्‍या होगी, यह दो-तीन दिन में बताया जाएगा। राजद का कहना है कि ऐसा कोई वादा नहीं किया गया था और न ही वीआईपी की सीटों की संख्‍या पर अंतिम निर्णय हुआ था।

बता दें कि महागठबंधन से हाल के दिनों में तीन दल अलग हो गए हैं। सबसे पहले जीतन राम मांझी (हम) एनडीए में गए। इसके बाद रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा ने अलग मोर्चा बनाया। अब मुकेश सहनी गए हैं। इस बीच वामपंथी पार्टियां इस गठबंधन में शामिल हुई हैं।