बिहार चुनाव में पीएम मोदी ने 12 रैलियां कीं और टारगेट विधानसभा क्षेत्र में 9 सीटों पर जीत हासिल हुई। इस तरह उनका स्ट्राइक रेट 75 फीसदी है। वहीं तेजस्वी यादव का स्ट्राइक रेट केवल 50 फीसदी ही रहा। बीजेपी के स्टार कैंपनेर्स की बात करें तो बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कमाल कर दिखाया। उन्होंने 24 विधानसभा सीटों पर प्रचार किया था जिनमें से 22 पर जीत हासिल हुई है। यानी उनका स्ट्राइक रेट 92 प्रतिशत है। योगी आदित्यानथ ने 19 क्षेत्रों में प्रचार किया और 16 जगहों पर जीत हासिल हुई। उनका स्ट्राइक रेट 84 प्रतिशत है।

बिहार चुनाव में राहुल गांधी ने 8 जनसभाएं की थीं जिनमें से केवल तीन पर सफलता हासिल हुई है। इस तरह उनका स्ट्राइक रेट 37 फीसदी ही रह गया। नीतीश कुमार का रेट पीएम मोदी के बराबर ही रहा है। उन्होंने 98 विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार किया था जिनमें से 60 पर एनडीए को जीत हासिल हुई। उन्होंने पहले चरण में 19, दूसरे चरण में 35 और तीसरे चरण में 26 सभाएं की थीं।

इसबार चुनाव प्रचार में महागठबंधन का चेहरा तेजस्वी यादव ही थे। उन्होंने प्रचार में एड़ी चोटी का जोर लगा दिया लेकिन सीटों के मामले में बहुमत से थोड़ा पीछे रह गए। महागठबंधन के खाते में 110 सीटें आई हैं। तेजस्वी यादव ने सबसे ज्यादा कुल 247 सभाएं की थीं। हालांकि सफलता केवल 110 पर ही मिली। इस तरह उनका स्ट्राइक रेट आधे से भी कम यानी 44 फीसदी पर ही रह गया। उन्होंने पहले चरण में 70, दूसरे में 103 और तीसरेचरण में 78 जनसभाएं की थीं।

बीजेपी ने चुनाव प्रचार के लिए केंद्रीय मंत्रियों को भी मैदान में उतार दिया था। इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने भी 19 सीटों पर प्रचार किया। सबसे ज्यादा स्ट्राइक रेट बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का रहा है। उन्होंने 24 सीटों पर प्रचार किया और 22 पर जीत हासिल हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 24 सीटों पर प्रचार किया था लेकिन सफलता 12 पर ही मिली। नित्यानंद राय ने 88 सीटों को टारगेट किया और 47 पर जीत मिली। रविशंकर प्रसाद ने 15 सीटों पर चुनावी बिगुल फूंका लेकिन 9 पर कामयाबी मिली। भूपेंद्र यादव को 32 में से 17 और स्मृति इरानी को 12 में से 6 पर जीत हासिल हुई।