Bhopal Lok Sabha Election 2024 Date, Candidate: लोकसभा चुनावों की तारीखों के एलान हो चुका है। इसके तहत मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटों पर 4 चरणों में वोटिंग होगी। लोकसभा चुनावों का जिक्र होगा और मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का जिक्र न हो, यह असंभव है। पिछली बार इस सीट पर बीजेपी की फायरब्रांड नेता साध्वी प्रज्ञा जीती थीं, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह बुरी तरह हारे थे। इस बार बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया है और यहां से आलोक शर्मा को टिकट दिया है।
कौन-कौन हो सकता हैं उम्मीदवार?
भोपाल की यह सीट बीजेपी और कांग्रेस के लिए पिछली बार नाक की लड़ाई बन गई थी। इस सीट पर साध्वी प्रज्ञा को मैदान में उतारकर बीजेपी ने हिंदुत्व का कार्ड खेला था, जबकि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के टॉप मोस्ट लीडर दिग्विजय सिहं पर दांव लगाया था। इस सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव 6वें फेज में वोटिंग हुई थी, जो कि 11 मई 2019 को थी।
इस सीट पर बीजेपी ने आलोक शर्मा के नाम का एलान किया है और पार्टी ने साध्वी प्रज्ञा का टिकट काट दिया गया है। दूसरी ओर कांग्रेस ने भोपाल के इस बीजेपी के गढ़ में अरुण श्रीवास्तव को प्रत्याशी बनाया है।
क्रम संंख्या | भोपाल लोकसभा सीट के प्रत्याशी | |
पार्टी | प्रत्याशी | |
1 | बीजेपी | आलोक शर्मा |
2 | कांग्रेस | अरुण श्रीवास्तव |
3 | बीएसपी | भानु प्रताप सिंह |
2019 में साध्वी प्रज्ञा ने जमाई थी धाक
पिछले चुनावों की बात करें तो भोपाल से बीजेपी की साध्वी प्रज्ञा ने कांग्रेस नेता दिग्विज सिंह को एक बड़े अंतर से हराया था। इस सीट पर बीजेपी की साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को करीब 8,66,482 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस नेता को महज 5,01,660 वोट ही हासिल हुए थे। तीसरे नंबर पर बीएसपी के माधव सिंह अहिरवार को 11,277 वोट हासिल हुए थे।
क्रम संख्या | भोपाल लोकसभा सीट 2019 के नतीजे | |||
पार्टी | प्रत्याशी | वोट | नतीजा | |
1 | बीजेपी | साध्वी प्रज्ञा ठाकुर | 8,66,482 | जीत |
2 | कांग्रेस | दिग्विजय सिंह | 5,01,660 | हार |
3 | बीएसपी | माधे सिंह अहिरवार | 11,277 | हार |
2014 का चुनाव परिणाम
2014 के चुनावों की बात करें तो बीजेपी ने मोदी लहर में यह सीट भी अपने नाम की थी। इस सीट पर बीजेपी ने अलोक संजर को उतारा था, जिन्हें करीब 7,14,178 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस नेता पीसी शर्मा को 3,43,482 वोट ही मिले थे।
क्रम संख्या | भोपाल लोकसभा सीट 2014 सीट परिणाम | |||
पार्टी | प्रत्याशी | वोट | नतीजा | |
1 | बीजेपी | आलोक संजर | 7,14,178 | जीत |
2 | कांग्रेस | पीसी शर्मी | 3,43,482 | हार |
3 | आप | रचना ढींगरा | 21,298 | हार |
2009 का चुनाव परिणाम
इसके अलावा साल 2009 में भी इस सीट पर बीजेपी ही जीती थी। 2009 मे इस सीट से कैलाश चंद्र जोशी जीते थे, जिन्हें 3,35,678 वोट मिले थे और कांग्रेस नेता सुरेंद्र सिंह ठाकुर क 2,70,521 वोट ही हासिल हुए थे।
क्रम संख्या | भोपाल लोकसभा सीट 2009 चुनाव नतीजे | |||
पार्टी | प्रत्याशी | वोट | नतीजा | |
1 | बीजेपी | कैलाश चंद्र जोशी | 3,35,678 | जीत |
2 | कांग्रेस | सुरेंद्र सिंह ठाकुर | 2,70,521 | हार |
3 | हार | अशोक नारायण सिंह | 18,649 | हार |
1989 से बीजेपी का गढ़ है भोपाल
बता दें कि 1984 के बाद से इस सीट पर कांग्रेस कभी भी लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाई है। इस सीट से जीतने वाले कांग्रेस के आखिरी नेता केएन प्रधान थे। इसके बाद से यह सीट 1989 में बीजेपी के पास चली गई थी। लगातार 6 बार से यह सीट बीजेपी के पास ही है। इस सीट से बीजेपी नेता सुशील चंद्र वर्मा ने 1989 में जीत हासिल की थी। इसके बाद 1991, 1996, 1998 में भी बीजेपी ही जीती थी। बीजेपी की दिग्गज नेता उमा भारती ने इश सीट परर कांग्रेस के कद्दावर नेता सुरेश पचौरी को पटखनी दी थी। इसके अलावा पूर्व सीएम कैलाश जोशी 2004 और 2009 में यहां से बीजेपी के सांसद बन चुके हैं।
क्या है यहां का जातीय समीकरण
जातीय समीकरण की बात करें तो भोपाल सीट की जनसंख्या 26,79,574 है। यहां की 23.71 फीसदी आबादी ग्रमीण क्षेत्र में रहती है, जबकि 76.29 फीसदी शहरी इलाके में रहती है। भोपाल की 15.38 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जाति की है और 2.79 फीसदी अनुसूचित जनजाति की है। इस सीट पर 20 से 25 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं।
वहीं, अनुसूचित जाति के वोटर्स यहां 14.83 प्रतिशत हैं और अनुसूचित जनजाति के वोटर्स 2.56 प्रतिशत है। मुस्लिम इस सीट पर नतीजों में अहम भूमिका निभा सकते हैं, हालांकि पिछले चुनाव में ध्रुवीकरण से बीजेपी का बड़ा फायदा भी हुआ था।