पाकिस्तान के कोच वकार यूनिस ने भारत के खिलाफ मोहम्मद आमिर के प्रदर्शन को ‘असाधारण’ करार दिया लेकिन साथ ही कहा कि स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाए जाने के बाद इस तेज गेंदबाज ने पिछले पांच साल में जो झेला है वह उसकी खुद की गलती है और इसके लिए किसी को अफसोस नहीं करना चाहिए। वकार ने आमिर के संदर्भ में कहा कि यह उसकी खुद की गलती थी और किसी को इस पर अफसोस नहीं करना चाहिए। वह (आमिर) निश्चित तौर पर विश्वस्तरीय है और प्रत्येक मैच के साथ बेहतर और मजबूत हो रहा है। लेकिन विराट कोहली ने इस तेज गेंदबाज की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि वह विश्वस्तरीय खिलाड़ी है।
उन्होंने कहा कि वह (आमिर) युवा तेज गेंदबाजों के लिए प्रेरणास्रोत है। उसने जिस लेंथ के साथ गेंदबाजी की और गेंद को जिस गति के साथ स्विंग कराया, वह बेहतरीन था। यह सबसे कड़ी चुनौती पेश करने वाला गेंदबाजी स्पैल था। सभी ने बेहतरीन गेंदबाजी की लेकिन मोहम्मद आमिर का जवाब नहीं था। उनके सभी गेंदबाजों ने हमारे बल्लेबाजों को काफी दबाव में ला दिया था।
उन्होंने कहा कहा कि पाकिस्तानी गेंदबाजों विशेषकर मोहम्मद आमिर ने जिस तरह से गेंदबाजी की उससे वे प्रशंसा के पात्र हैं। उस स्पैल को खेलने में मजा भी आया। उसने मेरी कड़ी परीक्षा ली। उसमें सफल रहने से मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है। मुझे खुशी है कि मैं टीम की सफलता में योगदान दे पाया। उन्होंने बीसीसीआइ.टीवी से कहा कि यह टिककर खेलने और खुद पर विश्वास बनाए रखने से जुड़ा था। यदि आपको आपको गेंद को रक्षात्मक तरीके से खेलना था या उसे छोड़ना तो इसके लिए सकारात्मक बने रहना जरूरी था। कोहली ने कहा कि इस तरह की पिचों पर खेलना मेरे लिए एक सीख है। जब आप इस तरह की स्थिति में हो तब आप क्रीज पर खड़े होकर सबसे बेहतर सीख सकते हो।
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी स्वीकार किया कि आमिर की लेंथ शानदार थी। वकार और धोनी दोनों से पूछा गया कि कैसे 80 और 90 के दशक की स्थिति बदल गई है जब पाकिस्तान प्रबल दावेदार हुआ करता था जबकि अब भारत काफी आगे माना जाता है।
वकार और धोनी दोनों ने अपने तरीके से स्वीकार किया कि अतीत की पाकिस्तानी टीमें बेहतर थी जबकि भारत अब ज्यादा संतुलित टीम है। वकार ने कहा कि भारत को श्रेय जाना चाहिए। उनके पास कुछ शानदार बल्लेबाज हैं लेकिन हमारे पास भी कुछ अच्छे तेज गेंदबाज हैं जो किसी भी टीम को किसी भी हालात में आउट कर सकते हैं।
धोनी ने कहा कि आपको खिलाड़ियों के युग को देखना होगा। आप पाकिस्तान की 90 के दशक और इससे पहले की टीमों की तुलना भारत से कर सकते हो। मैं यह नहीं कह रहा कि हमारी टीम खराब थी लेकिन पाकिस्तान के पास अच्छे आलराउंडर थे। उनके पास ऐसे गेंदबाज थे जो तेज गति से गेंद फेंक सकते थे और रिवर्स स्विंग करा सकते थे जिसका इस्तेमाल वे हमारे बल्लेबाजों को दबाव में डालने के लिए करते थे। उनके पास 90 के दशक में काफी अच्छे बल्लेबाज भी थे। उनकी टीम मजबूत थी।